निर्वाचन आयोग ने एग्जिट पोल के नतीजों के प्रकाशन या प्रचार पर लगाई रोक, जताई माहौल खराब होने की सम्भावना

नई दिल्ली। देश में जैसे ही चुनावी प्रक्रिया शुरू होती है वैसे ही कई ऐसी कम्पनियाँ सामने आती हैं तो चुनाव होने की स्थिति को दर्शाते हुए सर्वे करवाती हैं और इन सर्वे को कई समाचार एजेंसियाँ प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य माध्यम से प्रकाशित या प्रचार करवाती हैं, इससे चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों को माहौल बनाने में मदद मिलती है। हालांकि अब चुनाव आयोग इन सर्वे को प्रकाशित प्रचारित करने पर रोक लगा दी है।

चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर 7 नवंबर से 30 नवंबर शाम तक एग्जिट पोल के नतीजों के प्रकाशन या प्रचार पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर 7 नवंबर की सुबह 7 बजे से 30 नवंबर की शाम 6.30 बजे तक एग्जिट पोल पर पूरी तरह रोक लगाई है। चुनाव आयोग ने कहा है कि आखिरी दिन के मतदान से पहले किसी भी समाचार एजेंसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं है। जहां छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को मतदान होगा, वहीं मिजोरम में भी 7 नवंबर को मतदान होना है। मध्यप्रदेश में चुनाव की तारीख 17 नवंबर है और राजस्थान में 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। सबसे आखिर में मतदान तेलंगाना में 30 नवंबर को होना है।

चुनावी कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग ने उल्लेख किया कि कोई भी व्यक्ति, जो इस धारा के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा उसे दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है। आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और नगालैंड में विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर 7 नवंबर, 2023 (मंगलवार) को सुबह सात बजे से लेकर 30 नवंबर, 2023 शाम साढ़े छह बजे के बीच की अवधि को उस अवधि के रूप में अधिसूचित किया, जिस दौरान प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य माध्यम से एग्जिट पोल करना, उसका प्रकाशन या प्रचार करना निषिद्ध रहेगा।

एग्ज़िट पोल एक सर्वे है जो वोटिंग के पहले किया जाता है, जिसमें जीतने और हारने वाले प्रत्याशियों को मिले वोट का आंकलन किया जाता है।

आज कल कई एजेंसियां एग्ज़िट पोल का काम करने लगी हैं। जिन्हें प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशित किया जाता है। कई बार एग्ज़िट पोल के बताए नतीजे सटीक होते हैं तो कई बार इसके उलट भी फैसले सामने आते हैं। चुनाव आयोग के मतदान के आखिरी दिन तक एग्ज़िट पोल पर रोक इसलिए लगाई है ताकि राजनीतिक दल इस अनुमान के आधार पर माहौल ना बना सकें। यह सभी राजनीति दलों के लिए नुकसानदायक हो सकता है और इससे माहौल खराब होने की आशंका भी रहती है।