मुम्बई। महाराष्ट्र की मंत्री अदिति तटकरे ने शनिवार (18 जनवरी) को कहा कि परिवहन और आयकर विभाग की मदद से 'मुख्यमंत्री मांझी लड़की बहन योजना' के लाभार्थियों की जांच की प्रक्रिया चल रही है।
मीडिया से बात करते हुए राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि 4,500 महिलाओं ने इस योजना से बाहर निकलने के लिए आवेदन किया है। पिछले साल अगस्त में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, उन्हें 1,500 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाता है।
क्रॉस-वेरिफिकेशन एक सतत प्रक्रिया हैअदिति तटकरे मंत्री ने कहा कि इस योजना के फर्जी लाभार्थियों के बारे में शिकायतों के आधार पर क्रॉस-वेरिफिकेशन किया जा रहा है। तटकरे ने कहा, कुछ लाभार्थियों की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक होने, कुछ के पास एक से अधिक निजी वाहन होने, सरकारी नौकरी में कार्यरत होने और शादी के बाद दूसरे राज्यों में चले जाने की शिकायतें मिली हैं।
उन्होंने कहा कि क्रॉस-वेरिफिकेशन एक सतत प्रक्रिया है और आगे भी जारी रहेगी। मंत्री ने कहा कि इस योजना से बाहर निकलने के लिए 4,500 महिलाओं ने आवेदन किया है। पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की गई लड़की बहिन योजना ने सत्तारूढ़ महायुति की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
लड़की बहन योजना के 2.43 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं, जिससे राज्य के खजाने पर हर महीने लगभग 3,700 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है।