12 साल की बच्ची की खतने के बाद मौत, माता-पिता और चिकित्सक की गिरफ्तारी का आदेश

12 साल की एक बच्ची की खतने (FGM) के बाद मौत हो गई है। यह मामला दक्षिणी मिस्र से सामने आया है। यहां एक न्यायिक बयान में कहा गया कि बच्ची के माता पिता उसे उस चिकित्सक के पास ले गए थे जो एफजीएम (FGM) करता था। गुरुवार रात अभियोजन दफ्तर से एक बयान जारी करके कहा कि असिउत प्रांत में बच्ची की मौत के बाद मिस्र के सरकारी वकील ने बच्ची के माता-पिता और खतना करने वाले चिकित्सक को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए।

बता दे, वर्ष 2008 में मिस्र की संसद में एक कानून पारित किया गया, जिसके तहत महिलाओं के खतने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि विपक्षी दल ने इसका पुरजोर विरोध किया था। देश में खतना अपराध होने के बावजूद बड़े पैमाने पर इसकी सदियों पुरानी परंपरा चल रही है। सरकार ने 2015 में एक सर्वेक्षण कराया था, जिसमें यह सामने आया कि मिस्र की 87% महिलाओं का 15 से 49 साल की उम्र में खतना हुआ था। 2016 में मिस्र के सांसदों ने एफजीएम (FGM) कानून में संशोधन किया था, जिसमें इसे छोटे जुर्म की श्रेणी से हटा कर बड़े जुर्म की श्रेणी में लाया गया। पहले इसके दोषियों को दो साल तक कि जेल का प्रावधान था, लेकिन बड़े जुर्म की श्रेणी में आने के बाद इसके लिए कड़े दंड के प्रावधान हैं।

तदवेन जेंडर रिसर्च सेंटर के प्रबंध निदेशक अल्मे फहमी कहते हैं कि मिस्र में कई लड़कियों को खतने के लिए बाध्य किया जाएगा और उनमें से कई लड़कियों की तब तक मौत होती रहेंगी, जब तक कि देश में इसके लिए स्पष्ट रणनीति नहीं होगी और इसे सही में अपराध नहीं माना जाएगा। महिला अधिकारों की वकील कहती हैं कि इस कानून में अब भी कई खामियां हैं। हाल के वर्षों में बच्चियों की खतने के बाद मौत के कई मामले सामने आए हैं।