डोनाल्ड ट्रंप ने बदला इतिहास, किम जोंग से मिलने पहुंच गए अपने 'दुश्मन देश' उत्तर कोरिया की सीमा में

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन के साथ उत्तर कोरिया की सरजमीं पर कदम रखा। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं, जिसने उत्तर कोरिया की सरजमीं पर कदम रखा। ट्रम्प ने डीएमजेड में उत्तर और दक्षिण कोरिया को बांटने वाली कंक्रीट की सीमा को पार कर उत्तर कोरिया के क्षेत्र में कदम रखा। यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया के क्षेत्र में कदम रखा है। इतना ही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किन जोंग उन को व्हाइट हाउस में आने का न्यौता भी दिया। इस दौरान ट्रंप ने उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन की तारीफ भी की। फिलहाल दोनों नेता आपस में बातचीत कर रहे हैं।

ट्रम्प और किम कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण के मामले को लेकर दो बार शिखर वार्ता कर चुके हैं। हनोई में फरवरी में बेनतीजा रही शिखर वार्ता के बाद दोनों पहली बार आज मिले। ट्रंप और किम जोंग उन ने पिछले साल सिंगापुर में पहली बार मुलाकात की थी।

डोनाल्ड ट्रंप ने खुद शनिवार को इस दौरे की जानकारी ट्विटर पर दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार की सुबह को ट्वीट कर कहा था, 'चीन के राष्ट्रपति शी (जिनपिंग) के साथ बैठक समेत कुछ बहुत महत्वपूर्ण बैठकों के बाद मैं जापान से दक्षिण कोरिया (राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ) जा रहा हूं। अगर उत्तर कोरिया के नेता किम इसे देख रहे हैं, तो मैं उनसे सिर्फ हाथ मिलाने और हैलो (?) बोलने के लिए सीमा/डीएमजेड क्षेत्र में मिलूंगा। '

ट्रंप ट्वीट के वक्त जापान के ओसाका में थे। जहां जी-20 सम्मेलन आयोजित किया गया। ट्रंप के बयान के बाद उत्तर कोरिया ने कहा कि असैन्य क्षेत्र में मिलने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रस्ताव बहुत मजेदार सुझाव है।

रविवार को किम जोंग उन से मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जाए-इन से मिले और द्विपक्षीय बातचीत की। आपको बता दें कि कुछ समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया को परमाणु बम से उड़ाने को धमकी देते थे और उत्तर कोरिया अमेरिका को आंख दिखाता था। डोनाल्ड ट्रंप खुद किम जोंग उन पर कई बार हमला बोल चुके हैं और धमकी दे चुके है। उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने भी ट्रंप की धमकी और हमले का मजबूती से जवाब दिया था। उन्होंने भी ट्रंप को अनाप-सनाप कहा था। हालांकि अब हालात बदल चुके हैं और दोनों देश हाथ मिला चुके हैं।