राहुल गांधी को चुनाव आयोग की चेतावनी- 7 दिन में हलफनामा न दिया तो देश से माफी मांगनी होगी

चुनाव आयोग ने रविवार, 17 अगस्त 2025 को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए लगाए गए आरोपों पर सख्त रुख अपनाया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट कहा कि बिना प्रमाण के चुनाव आयोग पर आरोप लगाने की कोशिश स्वीकार्य नहीं है।

गलत आंकड़ों पर आयोग की प्रतिक्रिया

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, अगर कोई यह सोचता है कि सिर्फ एक पीपीटी प्रस्तुत करके, जो चुनाव आयोग के आंकड़ों से मेल नहीं खाता, यह कहा जा सकता है कि पोलिंग ऑफिसर ने किसी महिला के दो बार मतदान करने की बात कही, तो यह गंभीर विषय है। ऐसे गंभीर मामलों में बिना हलफनामा आयोग कोई कदम नहीं उठाएगा।

हलफनामा या माफी – कोई तीसरा विकल्प नहीं

राहुल गांधी को लक्षित करते हुए ज्ञानेश कुमार ने दो टूक कहा, उन्हें या तो सात दिन के भीतर हलफनामा देना होगा, या फिर देश से माफी मांगनी होगी। तीसरा कोई विकल्प नहीं है। यदि सात दिन में हलफनामा नहीं आया, तो यह साबित करेगा कि सारे आरोप निराधार थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना किसी प्रमाण के योग्य मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। चुनाव आयोग हर मतदाता के अधिकार की रक्षा में अडिग है।

मतदाता सूची और वोटिंग प्रक्रिया पर आयोग का रुख

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव आयोग ने देश की सबसे बड़ी मतदाता सूची और सबसे बड़ी चुनाव कर्मियों की फौज के साथ यह सुनिश्चित किया है कि किसी योग्य मतदाता के अधिकार से छेड़छाड़ न हो। उन्होंने कहा, यदि किसी के मतदाता सूची में नाम दो बार दर्ज होने की बात मीडिया में फैलाई जाती है, तो यह गंभीर आरोप हैं। आयोग शांत नहीं रह सकता। ऐसे आरोपों के बाद हलफनामा देना अनिवार्य है।

एसआईआर का उद्देश्य: शुद्ध मतदाता सूची

ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया, पिछले 20 सालों में मतदाता सूची का संशोधन (SIR) नहीं किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य है वोटर लिस्ट को शुद्ध करना। राजनीतिक दलों की शिकायतों के बाद ही SIR की प्रक्रिया शुरू की गई। बिहार में पिछले कई वर्षों में 22 लाख मृत मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज थे। जब सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया और कोई चुनाव याचिका नहीं दायर हुई, तब वोट चोरी के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं?