दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो में सफ़र करने वालों के लिए बुरी खबर है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के कर्मचारी शनिवार से हड़ताल पर जा रहे हैं। आप को बता दें कि वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर डीएमआरसी और कर्मचारियों के बीच बातचीत होने वाली थी, बातचीत से कोई हल न निकलने पर नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं। इसलिए अब कल यानी शनिवार से दिल्ली मेट्रो के 9000 कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं।
बता दे, मेट्रो के 9000 नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी जैसी कई मांगें पूरी न किए जाने से 30 जून से हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी। कर्मचारियों की मांगें है कि काउंसिल के बजाय डीएमआरसी यूनियन बनाने की अनुमति दी जाए, पे कमीशन के तहत पारिश्रमिक बढ़ाया जाए, एरियर दिया जाए, स्टाफ के ड्यूटी के घंटों के साथ आराम का टाइम भी सुनिश्चित किया जाए और स्टाफ की ट्रांसफर नीतियों को पारदर्शी बनाने समेत कई शामिल हैं।
डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल के सचिव रवि भारद्वाज ने बताया कि बृहस्पतिवार को बैठक में भी मांगों पर अमल नहीं किया गया। लिहाजा, स्टाफ काउंसिल हड़ताल नहीं टाल सकती है। शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में अगर मांगों को लेकर उचित कदम नहीं उठाया गया तो मेट्रो के 9000 कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। जिसकी वजह से मेट्रो के संचालन से लेकर सभी ऑपरेशनल, मेंटेनेंस समेत अन्य गतिविधियां ठप हो जाएंगी। वहीं, इस बारे में डीएमआरसी प्रबंधन का कहना है कि काउंसिल की मांगों पर विचार विमर्श जारी है। जिन्हें जल्द ही पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
डीएमआरसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव महावीर प्रसाद के अनुसार, लोग पिछले दस साल से एक ही पे ग्रेड में पड़े हैं, जबकि पहले हर पांच साल में प्रमोशन होता था। उन्होंने बताया कि प्रबंधन ने यह वादा किया था कि 13,500-25,520 ग्रेड का 14,000-26,950 ग्रेड के साथ विलय किया जाएगा, लेकिन यह नहीं हुआ।
यूनियन ने चेतावनी दी है कि अभी तक तो विरोध प्रदर्शन से सेवा में किसी तरह की बाधा नहीं है, लेकिन 29 जून तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो 30 जून से पूरी तरह से कामकाज बंद हो जाएगा। इसके पहले पिछले साल भी जुलाई में इसी तरह से मेट्रो कर्मचारियों ने हड़ताल की धमकी दी थी, लेकिन डीएमआरसी प्रबंधन ने लगातार कई बैठकें कर समझौता किया और दिल्ली-एनसीआर वासियो को संकट से बचा लिया था।