उत्तराखंड: यमुनोत्री मार्ग पर लैंडस्लाइड, एक श्रद्धालु घायल, दो अब भी मलबे में फंसे; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक बार फिर प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। नौ कांची क्षेत्र में यमुनोत्री मार्ग पर सोमवार दोपहर अचानक से लैंडस्लाइड हुआ, जिसने श्रद्धालुओं की यात्रा को भयावह बना दिया। यात्रा पर निकले कई श्रद्धालु जहां बाल-बाल बच गए, वहीं कुछ इस आपदा के चपेट में आ गए। कुछ लोगों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन अफसोसजनक खबर यह है कि एक श्रद्धालु घायल हो गया है और दो अन्य मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसा इतना अचानक हुआ कि लोगों को संभलने का भी समय नहीं मिला। राहत की बात यह रही कि स्थानीय प्रशासन ने त्वरित रिएक्शन दिखाते हुए बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया। क्षेत्रीय प्रशासन, SDRF, NDRF और पुलिस की टीमें मौके पर डटी हुई हैं और मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की पूरी कोशिशें कर रही हैं।

गढ़वाल मंडल के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने जानकारी दी कि “यमुनोत्री पैदल मार्ग पर आज दोपहर भूस्खलन की सूचना मिलते ही राहत-बचाव दल को रवाना कर दिया गया था। एक श्रद्धालु घायल है और दो अन्य के फंसे होने की पुष्टि हुई है। राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है और मार्ग को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।”

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि घायल श्रद्धालु मुंबई का निवासी है, जिसे प्राथमिक उपचार के लिए जानकीचट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी ज़रूरी एजेंसियां मिलकर तत्परता से राहत-बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

चारधाम यात्रा की पवित्रता पर संकट का साया

ध्यान देने योग्य है कि 2025 की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ आरंभ हुई थी। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। इस यात्रा के लिए हर साल देशभर से लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं, लेकिन पहाड़ी इलाकों की प्राकृतिक चुनौतियां अकसर राह में बाधा बन जाती हैं।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने न सिर्फ यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक नई चुनौती पेश की है। ऐसे में श्रद्धालुओं से अपील है कि वे पूरी सावधानी बरतें, मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी लेने के बाद ही यात्रा करें।