
मिडिल ईस्ट में लंबे समय से जारी तनाव के बीच अब एक बड़ी खबर सामने आई है, जो शायद इलाके में शांति की उम्मीद जगा सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संघर्षविराम (सीजफायर) के दावों को शुरुआत में खारिज करने के बाद अब ईरान ने इजरायल के साथ जंग रोकने के लिए सहमति जता दी है। ईरान के विदेश मंत्री ने खुद इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि अब युद्धविराम लागू हो गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि कुछ ही देर पहले तक ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची किसी भी समझौते की बात को नकारते रहे थे। लेकिन कुछ ही मिनटों में उन्होंने यू-टर्न लेते हुए यह बयान दिया कि इजरायल के साथ युद्धविराम लागू हो चुका है। इस एलान के साथ ही खाड़ी देशों में राहत की सांस ली जा रही है, लेकिन इजरायल की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
सेना को सलामी, सोशल मीडिया पर भावुक पोस्टसीजफायर की घोषणा करते हुए ईरानी विदेश मंत्री अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर सेना को खुलकर बधाई दी। उन्होंने भावुक शब्दों में लिखा, हमारी बहादुर सेना ने सुबह 4 बजे तक दुश्मन से लोहा लिया। हर एक ईरानी की तरफ से मैं उन्हें सलाम करता हूं, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी और एक भी हमला बिना जवाब के नहीं छोड़ा। इस बयान ने पूरे देश में गौरव और राहत का माहौल बना दिया।
पहले खारिज कर दिया था समझौताइससे पहले दिन में ईरान ने ट्रंप के संघर्षविराम संबंधी दावों को सिरे से नकार दिया था। विदेश मंत्री ने साफ कहा था कि इजरायल के साथ किसी भी तरह के सीजफायर पर कोई सहमति नहीं बनी है और यह निर्णय सिर्फ युद्ध के हालात को ध्यान में रखते हुए भविष्य में लिया जाएगा। लेकिन अब जब यह समझौता हो चुका है, तो इससे कई सवाल भी उठ रहे हैं कि ईरान ने अचानक अपने रुख में यह बदलाव क्यों किया?
इजरायल की रहस्यमयी चुप्पीजहां एक ओर ईरान की तरफ से स्पष्ट तौर पर युद्धविराम की पुष्टि की जा चुकी है, वहीं इजरायल अब तक चुप्पी साधे हुए है। सीजफायर पर कोई आधिकारिक बयान न आना और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों पर प्रतिक्रिया न देना, एक नई अनिश्चितता को जन्म दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से फोन पर बातचीत कर इस समझौते को अंतिम रूप दिया है, लेकिन इजरायली सरकार इस पर खुलकर कुछ नहीं कह रही।
ट्रंप की सीजफायर घोषणा और हालात की पृष्ठभूमिगौरतलब है कि ट्रंप ने बीते दिन खुद सामने आकर ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन से चल रही सैन्य कार्रवाई को रोकने की आवश्यकता जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह संघर्ष अब नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है और दोनों देशों को पीछे हटना चाहिए। ट्रंप ने यह भी बताया था कि समझौता चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि किसी भी पक्ष को असुरक्षा न महसूस हो।
यह उल्लेख करना जरूरी है कि अमेरिका ने हाल ही में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर भीषण बमबारी की थी, जिसका जवाब ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइल दागकर दिया था। हालात उस समय बेहद संवेदनशील हो गए थे, और युद्ध के और उग्र होने की आशंका गहराने लगी थी।