दिल्ली उपराज्यपाल का बड़ा फैसला, DDCD को अस्थाई रूप से किया भंग

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन दिल्ली (DDCD) के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह को उनके पद से हटा दिया था। इसके बाद उनके ऑफिस को भी सील कर दिया गया और उन्हें मिल रही सुविधाओं को भी वापस ले लिया गया। इस बीच अब वीके सक्सेना ने डीडीसीडी को अस्थाई रूप से भंग कर दिया है। एलजी वीके सक्सेना ने इसे लेकर कहा कि इस कमीशन के सदस्यों को गैरकानूनी रूप से और नियमों को ताक पर रखकर नियुक्त किया गया था।

उन्होंने कहा कि इन लोगों ने केवल अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए काम किया था। इस कमीशन के पास कोई काम नहीं था। कमीशन सिर्फ लोगों को मोटी सैलरी देने के लिए नियुक्त की गई थी। बता दें कि एलजी वीके सक्सेना के इस फैसला का बड़ा असर सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी होने वाला है। दरअसल अवस्थी और गोपाल मोहन आम आदमी पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ताओं में से एक हैं। ये दोनों उन दिनों सीएम हाऊस या सीएम के दफ्तर में ही रहते थे। दोनों पार्टी बनने से पहले से ही अरविंद केजरीवाल से जुड़े हुए हैं।

ज्ञातव्य है कि आज दोनों की सैलरी 3 लाख 80 हजार 250 रुपये प्रति माह है। गोपाल मोहन तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की विधानसभा नई दिल्ली के विधायक प्रतिनिधि भी हैं। डीडीसीडी को अस्थायी रूप से भंग करने को लेकर वीके सक्सेना ने कहा कि पारदर्सी प्रक्रिया के जरिए कोई स्क्रीनिंग नहीं की गई और सरकारी खजाने से भारी वेतन का भुगतान किया गया, जो सौंपे गई कामों को अनुरूप नहीं था। डीडीसीडी में सभी नियमों की घोर अवहेलना की गई और भाई-भतीजावाद और पक्षपात जैसे काम किए गए।