ब्लैक फंगस की दवा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, सीमा शुल्क मुक्त आयात की दी अनुमति

दिल्ली हाईकोर्ट ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा के इम्पोर्ट को ड्यूटी फ्री कर दिया है। दरअसल, ब्लैक फंगस की दवाओं को इम्पोर्ट करने के मामले पर आज गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति दवा को इम्पोर्ट करता है तो उसे इसके लिए बॉन्ड देना होगा। कोर्ट ने कहा कि जब तक देश में दवा की सप्लाई कम है, तब तक मेडिसिन के इम्पोर्ट को ड्यूटी फ्री किया जाना चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा कि पीड़ित लोगों के जीवन को बचाने के लिए ये कदम उठाना जरूरी है।

हाईकोर्ट ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस से पीड़ित हजारों लोगों की जान बचाने के लिए दवाओं की आवश्यकता है और केंद्र को तब तक इसपर सीमा शुल्क में छूट देने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए जब तक कि इसकी आपूर्ति कम है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, हम निर्देश देते हैं कि इस दवा (एम्फोटेरिसिन बी) का किसी भी व्यक्ति को असल सीमा शुल्क का भुगतान किए बिना ही आयातक द्वारा अनुबंध पत्र प्रस्तुत किए जाने पर उस समय तक अनुमति दी जाए जब तक कि केंद्र इसपर फैसला नहीं ले लेती है।

पीठ ने कहा, पत्र में यह वचन दिया जाना चाहिए कि अगर आयात शुल्क में छूट नहीं दी जाती, तो इस शुल्क का भुगतान आयातकर्ता करेगा।

देश में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए ये दवाएं जरूरी हैं। कोर्ट ने ये भी कहा कि कोई व्यक्ति इम्पोर्ट करता है तो वास्तविक भुगतान के बिना बांड को स्वीकार करके इम्पोर्ट को मंजूरी दी जा सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि विश्व में कहीं भी ब्लैक फंगस का इंजेक्शन खरीदने से कोई नहीं रोक रहा। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जहां तक दिल्ली सरकार का सवाल है, अगर वह इसे खरीदने के लिए प्रयास करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। यह नहीं होना चाहिए कि दोनों सरकारों के बीच समान सोर्स के लिए कम्पटीशन हो। दवा के इम्पोर्ट को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।