गोल्ड मेडल मिलने के बाद सुशील ने किया यह नेक काम , जीत हिमाचल प्रदेश बस हादसे में मारे गए बच्चों को समर्पित की

ऑस्ट्रेलिया में चल रहे 21वें कॉमनवेल्थ खेलों का आठवां दिन भारत के लिए पूरी तरह कुश्तीमय हो गया। जहां पुरुष वर्ग में ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और राहुल अवारे ने फ्रीस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक जीते।

भारत का ये 14वां गोल्ड है और इस प्रकार भारत के पदकों की संख्या 29 हो गई हैं। हालांकि सुशील से पहले ही गोल्ड की उम्मीद की जा रही था और उन्होंने देश को निराश नहीं किया। बल्कि अपने मेडल के साथ-साथ एक और नेक काम कर सभी का दिल जीत लिया है। दरअसल गोल्ड कोस्ट में 'गोल्ड मेडल' जीतने के बाद पहलवान सुशील कुमार ने अपनी यह जीत हिमाचल प्रदेश बस हादसे में मारे गए बच्चों को समर्पित की है। इस दर्दनाक हादसे में 23 बच्चों की मौत हो गई थी। सुशील ने अपने ट्वीट में लिखा है यह पदक उन बच्चों को समर्पित है, जिन्होंने हादसे में जान गंवाई। इसके अलावा सुशील ने अपने माता-पिता, गुरु सतपाल और योग गुरु बाबा रामदेव को भी समर्पित किया है। कॉमनवेल्थ खेलों में सुशील का यह लगातार तीसरा गोल्ड मेडल है। आपको बता दें कि सुशील कुमार दो ओलम्पिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। वहीं अब सुशील कुमार ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भी झंडा गाड़ दिया है।

सुशील कुमार दो ओलम्पिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। वहीं अब सुशील कुमार ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भी झंडा गाड़ दिया है। 74 किलोग्राम फ्री स्टाइल रैसलिंग में सुशील ने बोथा जोहानेस को महज एक मिनट में ही धूल चटा दी। सुशील खेल के पहले सेकेंड से ही दक्षिण अफ्रीकी पहलवान पर हावी दिख रहे थे। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में बोथा को जमीन पर ला दिया। इससे सुशील को चार प्वाइंट मिले। इसके बाद इस खिलाड़ी ने 2 औऱ अंक झटके। बोथा को हराकर सुशील कुमार ने भारत की झोली में एक और गोल्ड डाल दिया।