विशेषज्ञों ने बताया किन घरों में ज्यादा फैल रहा है कोरोना संक्रमण

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 17 लाख 51 हजार 919 हो गई है। आंकड़ा लगातार 3 दिन से 54 हजार से ज्यादा बढ़ रहा है। शनिवार को 54 हजार 865 केस आए। राहत की बात ये है कि 51 हजार 232 मरीज ठीक भी हो गए। 852 लोगों की मौत हुई।

वहीं, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के शुरुआती दिनों में विशेषज्ञों ने बताया था कि जिन घरों में वेंटिलेशन की पूरी व्यवस्था नहीं है, वहां पर कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है। इस बारे में अब अमेरिका की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी ने भी एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक छोटे और बंद स्थान पर कोरोना ना केवल हवा में अधिक समय तक रहता है, बल्कि इसके ड्रॉपलेट्स अलग-अलग जगहों पर चिपकते भी हैं।

दरअसल, आज के समय में केवल शहरों और कस्बों में ही नहीं बल्कि गांवों में भी घरों का साइज बहुत छोटा हो गया है। जैसे-जैसे समाज में एकल परिवारों का चलन बढ़ा, रहने के लिए जगह सिमटती चली गई। यह बात लंबे समय से अलग-अलग रिसर्च के माध्यम से हेल्थ एक्सपर्ट्स और सोशल वर्कर कहते रहे हैं कि छोटे घरों में रहना सेहत के हिसाब से ठीक नही है। कोरोना महामारी के इस दौर में छोटे घरों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा और बढ़ गया है।

शोध में पाया गया है कि बड़े और हवादार घरों में रहने वाले लोगों में कोरोना का खतरा बंद घरों में रहने वाले लोगों से काफी कम है। विशेषज्ञों का कहना है ​कि छोटे घरों के अंदर की हवा घर में घूमती रहती है जबकि बड़े आकार और खुले घरों में हवा का प्रवाह बना रहता है। इसके साथ ही बंद घरों में सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पातीं जिसके कारण भी वायरस को पनपने का सुरक्षित स्थान मिल जाता है। हवादार घरों में कोरोना वायरस ज्यादा देर तक रुक नहीं पाता है और हवा के फ्लो के साथ घर से बाहर निकल जाता है।

कोरोना की दूरी को लेकर इतना अंतर क्यों?

पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस को लेकर अलग-अलग संस्थाओं की कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं। कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों में अलग-अलग राय है। कोरोना पर शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया था कि यह 3 फीट की दूरी तक फैल सकता है। इसके बाद कहा गया कि ये 6 से 8 फीट की दूरी तक फैल सकता है और अब कहा जा रहा है कि कोरोना का असर 13 फीट की दूरी तक हो सकता है।