कांग्रेस अपने शासन वाले राज्यों में पेट्रोल डीजल पर वैट कम करे: केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार के हवाले करने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ते हुए कहा कि ईंधन के दाम तब स्थिर होंगे जब सभी पक्षकार जरूरी कदम उठाएं और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस मामले में संवेदनशील है और कदम उठा रही है।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री पुरी ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 32 रुपये उत्पाद शुल्क लेती है और इससे होने वाली कमाई को कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करती है।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस पेट्रोल-डीजल की कीमतों से अधिक चिंतित है तो उसे अपने शासन वाले राज्यों में इन ईंधनों पर लगने वाले वैट (मूल्य वर्धित कर) को कम कर देना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2010 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने ही पेट्रोल व डीजल को नियंत्रण से मुक्त किया था जिससे इन ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक तय होती हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारें प्रतिशत में वैट लगाती हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ने पर वैट भी बढ़ जाता है। पुरी ने दावा किया कि कांग्रेस नीत गत सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों को नियंत्रित करने के लिए 1.34 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बांड जारी किए और यह समस्या राजग सरकार को विरासत में मिली। उन्होंने कहा कि इस बांड की वजह से हमें इस साल भी 20,000 करोड़ रुपये देने थे।

पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर मंत्री ने कहा, 'हम इस विषय पर संवेदनशील हैं और हम अपनी तरफ से कदम उठा रहे हैं जैसे बायो फ्यूल की ब्रांडिंग करना।'

उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद यह है कि पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतें तब स्थिर होंगी जब सारे पक्षकार जरूरी कदम उठाएं। कांग्रेस को इतनी चिंता है तो वह अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों में पेट्रोल- डीजल पर वैट कम कर दे।'