महाकाल की शरण में राहुल गांधी, की पूजा-अर्चना, तस्वीरे

मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच नजदीकी धार्मिक नगरी उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में प्रमुख सियासी पार्टियों के आलाकमान के पहुंचने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस Congress अध्यक्ष राहुल गांधी Rahul Gandhi सोमवार को दूसरी बार उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा के दर्शन के साथ अभिषेक भी किया। राहुल के साथ कांग्रेस नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे। राहुल दर्शन के बाद मंदिर के पीछे स्थित धर्मशाला में पहुंचे, जहां वे करीब 10 मिनट रुके।

महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया, "राहुल को पंचामृत अभिषेक करवाया गया। पंचामृत में घी, दूध, दही, शक्कर, शहद का मिश्रण होता है। यह अभिषेक 10 से 15 मिनट चलता है। अभिषेक के बाद भक्त बाबा से अपनी मन्नत करते हुए माथा टेकता है।"

राहुल गांधी का उज्जैन का यह तीसरा दौरा है। वे 2004 लोकसभा चुनाव के दौरान सोनिया गांधी के साथ यहां आए थे, तब मंच पर तो बैठे थे लेकिन सभा को संबोधित नहीं किया था। इसके बाद 5 अक्टूबर 2010 को युवक कांग्रेस के सम्मेलन में आए थे। तब सभा को संबोधित करने के अलावा महाकाल दर्शन भी किए थे, लेकिन शाम का वक्त होने से महाकाल का अभिषेक नहीं कर सके थे।

दिग्विजय ने माफी मांगी: दिग्विजय सिंह ने उज्जैन नहीं पहुंचने पर माफी मांगी। दिग्विजय ने ट्वीट में कहा- "मुझे अध्यक्षजी (राहुल) ने कुछ जरूरी काम सौंपा है, इस वजह से उनके इंदौर और उज्जैन कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहूंगा। इसके लिए माफी चाहता हूं।"

राहुल के लंच में बैंगन का भर्ता : राहुल देवास रोड स्थित श्रीगंगा रेस्टोरेंट में भोजन करेंगे। उनके भोजन में बैंगन का भर्ता भी होगा। दो तरह के सूप, दो तरह की दाल, चार तरह की रोटी, तीन तरह की सब्जी परोसी जाएगी। आइसक्रीम और मिठाई भी दो तरह की परोसी जाएगी।

दो दिवसीय चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे

- राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद सत्तारूढ़ भाजपा की मजबूत पकड़ वाले मालवा-निमाड़ अंचल में अपने दो दिवसीय चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक वह उज्जैन के साथ ही क्रमशः झाबुआ, इंदौर, धार, खरगोन और महू में भी चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

- भाजपा शासित सूबे में पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान राहुल अलग-अलग मंदिरों में दर्शन के लिये पहुंचे हैं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लगाये गये कुछ पोस्टरों में उन्हें 'शिव भक्त' बताया गया है।

- कांग्रेस अध्यक्ष के धार्मिक अवतार को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के उन पर निशाना साधने पर कपूर ने कहा, "राहुल शिव भक्ति की अपनी विशुद्ध भावना से महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं। क्या भगवान शिव की भक्ति का अधिकार केवल भाजपा नेताओं को है? शिव सबके हैं।"

- उधर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने राहुल के धार्मिक अवतार पर फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस की ओर से भाजपा पर धर्म की राजनीति का झूठा आरोप लगाया जाता रहा है। अब राहुल जवाब दें कि उन्हें चुनावी बेला में क्यों मंदिर-मंदिर घूमना पड़ रहा है? कांग्रेस अध्यक्ष यह भी बताएं कि कई बार मध्यप्रदेश आने के बावजूद वह और उनकी माता सोनिया गांधी महाकाल दर्शन के लिये पहले क्यों नहीं गये?" झा ने कहा, "राहुल चुनावी फायदे के लिये धार्मिक व्यक्ति होने का ढोंग कर रहे हैं। लेकिन जनता उनकी असलियत जानती है।"

- इस बीच, कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि योजना बनायी गयी थी कि राहुल को इंदौर जिले की जानापाव पहाड़ियों में स्थित भगवान परशुराम की जन्मस्थली भी ले जाया जाये। इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस सचिव संजय कपूर ने बताया, "कांग्रेस अध्यक्ष के बेहद व्यस्त चुनावी दौरे के कारण इस योजना को अब तक मंजूरी नहीं दी गयी है।"
- राहुल के परशुराम जन्मस्थली जाने की योजना को कांग्रेस की चुनावी सोशल इंजीनियरिंग से भी जोड़कर देखा जा रहा था, क्योंकि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में संशोधनों को लेकर सूबे का अनारक्षित समुदाय आक्रोश का लगातार इजहार कर रहा है। हिंदुओं की धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार बताया जाता है। ब्राह्मण समुदाय परशुराम को अपने आदर्श की तरह पूजता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 14 जुलाई को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन किये थे। इसके बाद उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की "जन आशीर्वाद यात्रा" को इस धार्मिक नगरी में हरी झंडी दिखायी थी। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के देश भर में फैले 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है।

कुछ ऐसा रहेगा राहुल गांधी का दो दिनों का कार्यक्रम

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी 29 और 30 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के दौरे पर रहेंगे। राहुल 29 अक्टूबर को सुबह साढ़े दस बजे विशेष विमान से इंदौर पहुंचेंगे और वहां कुछ समय रुकने के बाद हेलीकॉप्टर से उज्जैन जाएंगे। राहुल गांधी उज्जैन पहुंचकर वहां 11.30 बजे से दोपहर 12.15 बजे तक भगवान महाकाल के दर्शन कर पूर्जा-अर्चना करेंगे। दोपहर 12.30 बजे से 1.30 बजे तक उज्जैन के दशहरा मैदान में एक विशाल आमसभा को संबोधित करेंगे। फिर उज्जैन से रवाना होकर तीन बजे झाबुआ पहुंचेंगे, जहां वे कॉलेज ग्राउंड में बड़ी आमसभा को संबोधित करेंगे। उसके बाद राहुल इंदौर वापस आकर वहां शाम 5.45 बजे से रोड-शो करेंगे। उनका रोड शो बड़ा गणपति से शुरू होकर मल्हारगंज, लोहरपति, इतवारी बाजार, मालगंज, नरसिंह बाजार चौक, बॉम्‍बे बाजार चौक, जवाहर मार्ग, इमली साहिब गुरुद्वारा, प्रिंस यशवंत राव रोड, राजवाड़ा चौक पहुंचेगा। रोड-शो के बाद राहुल राजवाड़ा चौक पर एक बड़ी सभा को संबोधित करेंगे।

दूसरे दिन 30 अक्टूबर को राहुल सुबह नौ बजे से दस बजे तक इंदौर रेडीसन में संपादकों और पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा करेंगे। दोपहर 10.45 बजे से वे व्यापारी समुदाय एवं व्यवसायियों से चर्चा करेंगे। राहुल गांधी उसी दिन दोपहर 12.25 बजे धार में तथा अपरान्ह तीन बजे खरगोन में आमसभाओं को संबोधित करेंगे। शाम 4.50 बजे महू पहुंचकर वहां अम्बेडकर प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और महू में ही नया दशहरा मैदान में आमसभा को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी उसी दिन शाम सात बजे सड़क मार्ग से इंदौर पहुंचकर विशेष विमान द्वारा दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।