डॉलर के मुकाबले गुरुवार को रुपये के अब तक के अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर गिरने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिंदबरम ने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें अभी भी भाजपा सरकार के अच्छे दिनों का इंतजार है। चिंदबरम ने कहा कि वो कब से इंतजार कर रहे हैं, जब एक डॉलर 40 रुपये के बराबर हो जाएगा। हालांकि सरकार ने कहा है कि इससे चिंता करने की कोई बात नहीं है।
सरकार नहीं उठाएगी कोई सख्त कदमवहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रुपये के गिरने पर सरकार किसी तरह का कोई सख्त कदम नहीं उठाने जा रही है। वहीं उन्होंने कहा कि जनता को भी इससे परेशान होने की ज्यादा जरूरत नहीं है।
स्विस बैंक में भारतीयों द्वारा जमा रकम में 50 फीसदी की बढ़ोतरी को विपक्ष द्वारा मुद्दा बनाए जाने पर सफाई देते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि वहां जमा सारी रकम काला धन नहीं है, लेकिन साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले में कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड में हुई एक द्विपक्षीय संधि के अनुसार स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2018 से 31 दिसंबर, 2018 तक के भारतीय के बैंक अकाउंट के आंकड़े उपलब्ध करवाएगा। आंकड़ा प्राप्त होने से पहले कैसे कहा जा सकता है कि वहां के बैंकों में जमा रकम काला धन है या अवैध लेन-देन है।
स्विस बैंक में जमा भारतीयों की सारी रकम काला धन नहींगोयल ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल में लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) लागू की गई थी, जिसके तहत एक व्यक्ति को हर साल 2.50 लाख डॉलर बाहर भेजने की अनुमति दी गई थी।
स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम में जो बढ़ोतरी हुई है, उसका 40 फीसदी तो एलआरएस के कारण है। बता दें कि बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा रकम 50 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7000 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि इससे पहले के तीन साल में इसमें गिरावट दर्ज की गई थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चासुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने लिखा, 'ब्रेकिंग न्यूज वित्त सचिव अधिया को एक बड़ी कामयाबी मिली है। गुप्त स्विस बैंक अकाउंट में जमा धन में पिछले 12 महीनों में वैश्विक तौर पर 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं भारतीय जमाराशि 50 प्रतिशत तक बढ़ी है। अधिया इससे ज्यादा संभाल लेते अगर राजेश्वर (प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी) बीच में नहीं आते।'
2016 में दर्ज हुई थी गिरावट2016 में स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में 45 फीसदी गिरावट आई थी। सर्वाधिक सालाना गिरावट के बाद यह 676 मिलियन स्विस फ्रैंक (4,500 करोड़ रुपये) रह गया था। 1987 में यूरोपियन बैंक द्वारा आंकड़े सार्वजनिक करने की शुरुआत के बाद यह सबसे निचला स्तर था।
हर तरह के जमा में हुई बढ़ोतरीताजा आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में 3,200 करोड़ रुपये का कस्टमर डिपॉजिट, 1,050 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों के जरिये और 2,640 करोड़ रुपये अन्य लायबिलिटीज के रूप में शामिल थे। एसएनबी के मुताबिक, 2017 में भारतीयों की ओर से हर तरह से होने वाले जमा में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई।
भारत से ज्यादा पाक का जमा2017 में स्विस बैंकों में पाकिस्तान के नागरिकों की जमा राशि में 21 फीसदी कमी आई है। पाकिस्तानियों ने 1.15 अरब स्विस फ्रैंक (7,700 करोड़ रुपये) स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा कराए। तीन साल से जमा में गिरावट के बावजूद पाकिस्तानियों की कुल जमा राशि भारतीयों से करीब 700 करोड़ रुपये ज्यादा है।