
अमेरिका और इजरायल के खिलाफ जारी भीषण युद्ध में अब ईरान को मध्य पूर्व से एक और मजबूत साथी का खुला समर्थन मिल गया है। यमन ने आधिकारिक तौर पर इस युद्ध में उतरने का ऐलान कर दिया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। यमनी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सरीअ ने एक भावुक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बात की घोषणा की, जिससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका पहले से कहीं ज्यादा गंभीर हो गई है।
13 जून से चल रहे ईरान-इजरायल युद्ध में यमन का औपचारिक प्रवेश एक निर्णायक मोड़ की तरह देखा जा रहा है। ब्रिगेडियर याह्या सरीअ ने दो टूक कहा, यमन अब अमेरिका और इजरायल के खिलाफ युद्ध में आधिकारिक रूप से शामिल हो चुका है। हम स्पष्ट चेतावनी देते हैं कि हमारे समुद्री क्षेत्र से अपने जहाजों को दूर रखें, वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
ईरान पर हमलों से भड़का यमन, अब खुलकर मैदान मेंयमन की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' के तहत ईरान के फोर्दो, इस्फान और नतांज स्थित परमाणु ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद इजरायल ने भी फोर्दो पर हवाई हमला कर हालात को और अधिक विस्फोटक बना दिया। यमन की प्रतिक्रिया तेज और स्पष्ट रही – अब वो सिर्फ निंदा नहीं, बल्कि सक्रिय जवाबी कार्रवाई की राह पर है।
खतरनाक है अमेरिका-इजरायल की जोड़ी, यमन सेना ने दिया कड़ा संदेशयमन की सेना ने अमेरिका और इजरायल को आड़े हाथों लेते हुए कहा, इजरायल पूरे क्षेत्र को अमेरिकी समर्थन से अस्थिर करने की साजिश रच रहा है। हम इसका डटकर विरोध करेंगे। अगर हमारी जल सीमाओं का उल्लंघन हुआ तो नतीजे बेहद गंभीर होंगे। यमन की यह प्रतिक्रिया सिर्फ सैन्य बयान नहीं, बल्कि पूरे इस्लामी जगत की आवाज बनने की कोशिश भी मानी जा रही है।
मध्य पूर्व में तनाव का विस्फोटक विस्तारयमन के युद्ध में कूदने से पहले ही इजरायल गाजा, लेबनान और सीरिया जैसे मोर्चों पर उलझा हुआ था। अब ईरान और यमन का साथ मिलना अमेरिका-इजरायल के लिए बेहद कठिन चुनौती बन सकता है। यह घटनाक्रम सिर्फ सैन्य संघर्ष नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी भूचाल लाने की ताकत रखता है।