कभी भी जारी हो सकती है राजस्थान भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों की नई सूची, जातीय संतुलन और युवा चेहरों पर रहेगा फोकस

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी संगठन को लेकर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ की नई टीम की घोषणा अब किसी भी समय की जा सकती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश संगठन और सत्ता के शीर्ष नेताओं द्वारा तैयार की गई पदाधिकारियों की सूची को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी डॉ. राधा मोहन अग्रवाल के माध्यम से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।

केंद्रीय नेतृत्व की मुहर का इंतजार

बताया जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने देश के अन्य कुछ प्रदेशों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है, ऐसे में राजस्थान में भी जल्द ही इस प्रक्रिया को हरी झंडी मिल सकती है। पहले ऐसा कहा जा रहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही यह सूची जारी होगी, लेकिन अब यह शर्त समाप्त मानी जा रही है।

पुराने चेहरों की छुट्टी तय, युवा और महिलाएं होंगे शामिल


मौजूदा भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों में से करीब एक दर्जन नेताओं की छुट्टी की चर्चा तेज है। वहीं, नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की नई टीम में बड़ी संख्या में युवा चेहरों और महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिए जाने की सुगबुगाहट है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, एक व्यक्ति, एक पद की नीति के तहत भजनलाल शर्मा (मुख्यमंत्री), दीया कुमारी (उपमुख्यमंत्री), ओपी भड़ाना (देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष), सीआर चौधरी (किसान आयोग अध्यक्ष) जैसे नेताओं की जगह नए चेहरे प्रदेश महामंत्री व उपाध्यक्ष पदों पर लाए जाएंगे।

सांसद-विधायकों को नहीं मिलेगा संगठन में पद

भाजपा के शीर्ष संगठनात्मक सूत्रों के अनुसार, इस बार पार्टी नेतृत्व सांसदों और विधायकों को प्रदेश संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं देना चाहता। नेतृत्व का मानना है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि संगठन के कार्यों के लिए पूरा समय नहीं दे पाते, जिससे न तो संगठन सक्रिय रह पाता है और न ही निर्वाचन क्षेत्र में समुचित विकास कार्य हो पाते हैं।

राजनीतिक नियुक्तियों का दबाव भी साफ

मौजूदा प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी, उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया, मुकेश दाधीच और मंत्री भूपेन्द्र सैनी को विभिन्न बोर्ड-निगमों में नियुक्त किए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। इससे संगठन में स्थान रिक्त होंगे, जिन्हें नए नेताओं से भरा जा सकता है।

जातीय और क्षेत्रीय संतुलन पर भी होगी नजर

प्रदेश में शेखावाटी अंचल में राजपूत समुदाय, भरतपुर, जयपुर और अजमेर संभाग में ब्राह्मण समुदाय, तथा उदयपुर संभाग में वैश्य समुदाय के नेताओं को हाल ही में जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया, जिससे संतुलन साधने के लिए इन समुदायों के अनुभवी कार्यकर्ताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल करने की योजना बनाई गई है। जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए यह कदम पार्टी के भविष्य की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

महिलाओं और जाट समुदाय को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना

भाजपा के अंदरखाने में इस बात की भी चर्चा है कि मौजूदा जाट समुदाय के पदाधिकारी को हटाकर इस वर्ग के किसी नए चेहरे को लाया जा सकता है। साथ ही, आधा दर्जन से अधिक महिलाओं को प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान दिए जाने की संभावना जताई जा रही है, जिससे संगठन को अधिक समावेशी और प्रभावशाली बनाया जा सके।

राजस्थान भाजपा संगठन में बड़ा बदलाव अब लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी का जोर युवा, महिला और सामाजिक विविधता को प्राथमिकता देने पर है। नई प्रदेश टीम के साथ भाजपा आगामी स्थानीय चुनावों और संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण की दिशा में आगे बढ़ने की तैयारी में है। सभी की निगाहें अब केवल राष्ट्रीय नेतृत्व की मंजूरी पर टिकी हैं।