लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पहले से चली आ रही परंपराओं का पालन करते हुए आज अंतरिम बजट (Budget 2019) पेश कर दिया है। केंद्रीय वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने केंद्र सरकार का अंतरिम बजट संसद में पेश किया। इस दौरान उन्होंने किसानों और मिडिल क्लास के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। गोयल ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए टैक्स की सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी। यानि अब 5 लाख रुपए तक की आमदनी टैक्स के दायरे से बाहर होगी। अभी 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता था। सरकार के इस कदम से मिडिल क्लास काफी राहत महसूस कर रहा है। टैक्स छूट में घोषणा के समय संसद में कुछ देर तक मोदी-मोदी के नारे लगे। इसके अलावा सरकार ने ग्रेच्युटी लिमिट और बोनस पर भी आम आदमी एवं मध्यमवर्ग का ख्याल रखा है। सरकार ने टैक्स फ्री ग्रेच्युटी लिमिट 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी है। इसके अलावा 21,000 मासिक कमाई करने वाले कर्मचारी भी बोनस पाने के हकदार होंगगे। एनपीएस, चिकित्सा बीमा और आवास ऋण के ब्याज भुगतान को जोड़ने पर यह सीमा और बढ़ जाएगी। वित्त मंत्री ने बैंकों और डाक खाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालना 40000 रुपये तक के ब्याज को स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट दे दी है। अभी छूट 10000 रुपये तक के ब्याज पर थी। आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। यदि कोई करदाता किसी सरकार की विशेष कर बचत योजना में निवेश करता है तो उसके लिए प्रभावी कर मुक्त आय की सीमा एक साल में 6.5 लाख रुपये होगी।
- भोपाल के शिवाजी नगर में छोटी दुकान चलाने वाले महेश दुबे का कहना है, "केंद्र सरकार द्वारा आयकर सीमा बढ़ाए जाने से छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि बढ़ती महंगाई के दौर में आमदनी का आंकड़ा बढ़ा है। सामान्य कारोबार व नौकरी करने वाले की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये तक आम थी। अब इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया गया है, जिससे इस वर्ग पर आयकर का बोझ नहीं आएगा।"
- अरेरा कॉलोनी निवासी निजी और छोटे कारोबारी अशीष शर्मा का कहना है, "सरकार ने आयकर की सीमा बढ़ाकर उन लोगों को बड़ी राहत देने का काम किया है, जो छोटे काम करते हैं। उन्हें आयकर का डर सताए रहता है। अब उन्हें अनावश्यक समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं दूसरी ओर वेतन में हुए इजाफे ने छोटे कर्मचारियों को भी आयकर सीमा में ला दिया था, अब बड़ा वर्ग छूट के दायरे में आ जाएगा।"
- इसी तरह निजी कंपनी में काम करने वाले राजेश कुमार ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "सरकार ने भले ही यह निर्णय चुनावी लाभ को ध्यान में रखकर लिया हो, मगर इससे उस वर्ग को लाभ मिलेगा, जिसे छोटी आय पर भी आयकर की समस्या से जूझना पड़ता था। अब सरकार को ऐसी कम आय वालों को आयकर फार्म भरने की प्रक्रिया से भी दूर रखा जाना चाहिए।"