
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और भी बढ़ गया है। इस घटनाक्रम के बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और धर्म पूछकर मारने वाले आतंकियों को जाहिल कहा। इस संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जिसे लेकर अरशद मदनी ने आपत्ति जताई और कहा कि पानी रोका जाना ठीक नहीं है।
'पाकिस्तान खून बहाए, हम पानी भी न बंद करें'मौलाना मदनी ने कहा, यह नदियां हजारों सालों से बह रही हैं। आप उनका पानी कहां ले जाएंगे? उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता शाहनवाज हुसैन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे आपत्तिजनक बताया। शाहनवाज ने कहा, पाकिस्तान हमारा खून बहाए और हम उसका पानी भी बंद न करें, ये किस तरह की सलाह दे रहे हैं? वह कह रहे हैं कि युद्ध नहीं होना चाहिए और पाकिस्तान को जवाब नहीं देना चाहिए।
बीजेपी नेता ने यह भी कहा, ऐसी बयानबाजी से मुस्लिम समाज में भी जमीयत उलेमा-ए-हिंद के खिलाफ गुस्सा है। हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई, पूरा देश एक साथ खड़ा है। अरशद मदनी को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
'नफरत की हुकूमत नहीं होनी चाहिए'सिंधु जल समझौते पर मदनी ने कहा, क्या यह आसान है? इन दरियाओं का पानी कहां ले जाओगे? प्यार-मोहब्बत की हुकूमत होनी चाहिए, नफरत की नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि सतलज, रावी, चेनाब, व्यास, और झेलम नदियां हजारों साल से बह रही हैं और ये दरिया ए सिंध में बदल जाती हैं। पानी रोकना इतना आसान नहीं है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की दो दिवसीय कार्य समिति की बैठक के बाद मदनी ने कहा, पहलगाम में हमला करने वाले आतंकवादी इस्लाम के बारे में कुछ नहीं जानते और वे जाहिल हैं, क्योंकि इस्लाम बेगुनाह के कत्ल की इजाजत नहीं देता। सरकार को आतंकवाद के उस स्रोत को रोकना चाहिए, जहां से यह फैल रहा है।