भाजपा का मनमोहन को जवाब- अपने कार्यकाल के विकास मॉडल पर वोट मांगने का साहस दिखाएं

महाराष्‍ट्र के चुनावी जंग में गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा की विकास योजनाओं पर सवाल उठाए थे। पूर्व पीएम ने कहा कि बीजेपी का वोटों को हासिल करने के लिए किया गया, डबल इंजन का वादा पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। पूर्व पीएम ने कहा कि महाराष्‍ट्र इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वही मनमोहन सिंह के इस बयान के बाद राज्यसभा सांसद सहस्त्रबुद्धे ने पलटवार करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के मॉडल पर वोट मांगने का साहस दिखाएं। राज्यसभा सांसद सहस्त्रबुद्धे ने कहा, 'महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुआई वाली सरकार ने अपनी विकास की नीतियों के माध्यम से राजनीति का व्याकरण बदल दिया। मैं कांग्रेस और उसके नेताओं को सलाह दूंगा कि महाराष्ट्र में जो विकास हुआ है, उसका गहनता से अध्ययन करें। महाराष्ट्र में राजनीति केवल जाति और सामुदायिक विचारों के इर्द-गिर्द नहीं है। महाराष्ट्र अब विकास की राह पर है। हमने राज्य में जो कुछ किया है, उसके आधार पर समर्थन मांग रहे हैं।'

राज्यसभा सांसद सहस्त्रबुद्धे ने कहा, 'महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुआई वाली सरकार ने अपनी विकास की नीतियों के माध्यम से राजनीति का व्याकरण बदल दिया। मैं कांग्रेस और उसके नेताओं को सलाह दूंगा कि महाराष्ट्र में जो विकास हुआ है, उसका गहनता से अध्ययन करें। महाराष्ट्र में राजनीति केवल जाति और सामुदायिक विचारों के इर्द-गिर्द नहीं है। महाराष्ट्र अब विकास की राह पर है। हमने राज्य में जो कुछ किया है, उसके आधार पर समर्थन मांग रहे हैं।'

'2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी तक पहुंचने की कोई उम्मीद नहीं'

मनमोहन सिंह ने कहा था कि हमें 5 ट्रिल्‍यन अर्थव्‍यवस्‍था बनने के लिए 10 से 12 प्रतिशत के ग्रोथ रेट की जरूरत है लेकिन बीजेपी के शासन में साल दर साल विकास दर नीचे गिर रही है। उन्‍होंने कहा, 'आईएमएफ ने कहा है कि इस साल भारत की विकास दर कुछ महीने पहले लगाए गए 7.3 प्रतिशत के अनुमान की अपेक्षा मात्र 6.1 ही रहेगी। हर साल गिर रही विकास दर के कारण मैं नहीं समझता हूं कि वर्ष 2024 तक हमारी अर्थव्‍यवस्‍था 5 ट्रिल्‍यन डॉलर के लक्ष्‍य को पा सकेगी।'

'पीएमसी बैंक मामले में प्रभावित 16 लाख लोगों की शिकायतें सुलझाएं'

पीएमसी बैंक घोटाले के बारे में डॉक्‍टर सिंह ने कहा कि यह एक दुर्भाग्‍यपूर्ण घटना है। उन्‍होंने कहा, 'यह बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि इस बैंक के साथ ऐसा हुआ। मैं महाराष्‍ट्र के सीएम, प्रधानमंत्री और वित्‍तमंत्री से अपील करता हूं कि वे इस मामले को देखें और इससे प्रभावित 16 लाख लोगों की शिकायतों को दूर करें। मैं अपेक्षा करता हूं कि भारत सरकार, आरबीआई और महाराष्‍ट्र सरकार एक साथ आएंगे और इस मामले में विश्‍वसनीय, व्‍यवहारिक और प्रभावी समाधान मुहैया कराएंगे जिसमें 16 लाख जमाकर्ता न्‍याय की मांग कर रहे हैं।'