राम मंदिर पर कांग्रेस ने जानबूझकर फैसला अटकाकर रखा है : राम माधव

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) महासचिव राम माधव ने कहा कि राहुल गांधी साढ़े चार साल कड़ी मेहनत करके सिर्फ दो ही राज्यों में जीत हासिल कर पाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दो राज्यों में वो बुरी तरह हारी और एक राज्य में बस हारते-हारते जीत गई। उन्होंने यह बात News18 India के कार्यक्रम 'चौपाल' में कही।

कश्मीर से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि घाटी की राजनीति पर पाकिस्तान का प्रभाव हमेशा से रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि पीडीपी के साथ सरकार बनाना गलती नहीं थी।

कश्मीर में पाकिस्तान सरकार चलाता है बयान पर माधव ने कहा कि शेख अब्दुल्ला को जवाहरलाल नेहरु ने इसी के चलते गिरफ्तार किया था, हुर्रियत के रास्ते भी पाकिस्तान ने यही कोशिश की है। उन्होंने आगे कहा कि उमर अब्दुल्ला की सरकार के दौरान भी इसी हस्तक्षेप के चलते कई गिरफ्तारियां हुई थीं। कश्मीर कि स्थिति काफी सुधरी है, आतंकवादी का जीवनकाल पहले 4 साल होता था जो अब घटकर सिर्फ 6 महीने रह गया है।

देश के कांग्रेस मुक्त होने के सवाल पर माधव ने कहा कि आने वाले वक़्त में ऐसा ज़रूर होगा। माधव ने कहा नॉर्थ ईस्ट में कांग्रेस साफ़ हो गई है और तेलंगाना में महागठबंधन की बुरी हार हुई है। माधव ने माना कि एमपी-छत्तीसगढ़ में एंटी इनकमबेंसी एक फैक्टर रहा और राजस्थान में हर बार ऐसा ही होता है । एमपी में कांग्रेस की सरकार सिर्फ एक मैथेमैटिकल फैक्टर है। राजीव गांधी का 1984 का चुनाव छोड़ दें तो लोकसभा में किसी भी पार्टी का मत प्रतिशत 30 से ज्यादा नहीं रहता है।

चिराग पासवान से जुड़े सवाल पर राम माधव ने कहा कि गठबंधन के साथियों से चर्चा चल रही है और हर दल चुनाव से पहले अपने मुद्दों को जनता के सामने आगे बढ़ाता ही है। चुनाव आते ही राम मंदिर का मुद्दा इसलिए उठता है क्योंकि तब ही राजनीतिक पार्टियों पर दबाव बनाना आसान होता है। कांग्रेस ने जानबूझकर ये फैसला अटकाकर रखा है। राम मंदिर का मुद्दा महत्वपूर्ण है लेकिन चुनाव में मुद्दा मोदी जी का किया गया काम ही होगा। मोदी आज भी जनता के बीच उतने ही पॉपुलर हैं इसमें कोई शक नहीं हैं। कांग्रेस हमेशा से राम मंदिर मुद्दे को राजनीति के लिए इस्तेमाल करती आई है।

1989 में राजीव गांधी ने इस राजनीति की शुरुआत की थी। राम मंदिर हमारे लिए राष्ट्रीय अस्मिता और स्वाभिमान का मुद्दा है। 2019 लोकसभा चुनाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में माधव ने कहा कि चुनावी रणनीति की हम टीवी स्टूडियो में चर्चा नहीं करते।

बीजेपी ने राहुल पर अटैक करके उन्हें ज्यादा मजबूत बना दिया इस सवाल के जवाब में माधव ने कहा कि ऐसा नहीं है राहुल इतने मजबूत होते तो तेलंगाना में भी चुनाव जीत जाते। जम्मू कश्मीर को लोकतान्त्रिक सरकार ही ठीक से चला सकती है। हम लंबे समय तक उस राज्य को गवर्नर रूल में नहीं रखना चाहते हैं।

'राहुल फॉर PM' पर बोली बीजेपी

मंगलवार को राम माधव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के डीएमके चीफ एम के स्टालिन के कदम की खिल्ली उडातें हुए कहा कि प्रधानमंत्री पद अगले 10 साल तक खाली नहीं है।

माधव ने कहा, 'राहुल पर डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन का प्रस्ताव उन पार्टियों को भी नहीं सुहाया, जिनके साथ कांग्रेस महागठबंधन बनाना चाहती है।' राफेल पर बीजेपी महासचिव ने विपक्ष को चुनौती दी कि वह 25-30 सदस्यों वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का 'पलायनवादी रास्ता’ अपनाने के बजाय संसद में उसके सभी सदस्यों की मौजूदगी में चर्चा में हिस्सा ले। उन्होंने कहा, ‘जेपीसी संसद से ज्यादा शक्तिशाली नहीं है, संसद सर्वोच्च है।’ माधव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां राफेल मामले पर झूठ फैला कर एक महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

बीजेपी नेता ने कहा, 'डीएमके का रविवार का कार्यक्रम एक गरिमापूर्ण अवसर था, जहां उसके दिवंगत नेता एम. करुणानिधि की प्रतिमा का अनावरण हुआ। इसका उपयोग (केन्द्र) सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करने, उनके बारे में अनाप-शनाप बोलने और भावी प्रधानमंत्री की घोषणा करने के लिए किया गया।’

(इनपुट News18 India से)