असम में NRC का दूसरा ड्राफ्ट जारी होने के बाद इस पर राजनीति तेज हो रही है। राज्यसभा में इस मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'रोहिंग्या शरणार्थियों को राज्य सरकारें देश से बाहर कर सकती हैं'। सरकार की ओर से इसका बचाव किया जा रहा है तो वहीं विपक्ष पूरी तरह आक्रामक रवैया अपनाए हुए है। NRC के मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सरकार को घेरा है।
मंगलवार को बयान जारी करते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा शासित आसाम में एनआरसी ड्राफ्ट के जरिए लगभग 40 लाख अल्पसंख्यकों की नागरिकता को अवैध करार दे दिया गया है। यदि लोग आसाम में लंबे समय से रह रहे हैं और वह अपनी नागरिकता का सबूत देने में सक्षम नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें देश से बाहर फेंक दिया जाए। बता दें कि सिर्फ मायावती ही नहीं बल्कि विपक्ष के कई नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार का विरोध किया है।
संसद में भी उठा मुद्दामंगलवार को इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी चर्चा हुई। सपा सांसद रामगोपाल यादव ने चर्चा के दौरान कहा कि ऐसी चर्चा है कि जिनके पास सबूत हैं उनके भी नाम लिस्ट से काटे गए हैं।
यादव ने कहा कि संविधान के मुताबिक किसी को भी देश के किसी भी हिस्से में रहने का मौलिक अधिकार है जबकि लिस्ट में से बिहार, यूपी, हिन्दू, मुसलमान सभी के नाम काटे गए हैं, वो अब कहां जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में अगर किसी का नाम काट दिया जाएगा तो वह कहां जाएगा, क्योंकि वह कोई विदेशी तो है नहीं।
जो अवैध बांग्लादेशी अपने देश वापस नहीं लौट रहे हैं, उन्हें गोली मार देनी चाहिएNRC मामले पर तेज राजनीति के बीच हैदराबाद से BJP विधायक राजा सिंह का एक भड़काऊ बयान सामने आया है। राजा सिंह ने कहा है कि जो अवैध बांग्लादेशी अपने देश वापस नहीं लौट रहे हैं, उन्हें गोली मार देनी चाहिए। आपको बता दें कि राजा सिंह हैदराबाद की गोशमहल विधानसभा से विधायक हैं।
असम की तरह ही बंगाल में भी NRC को लागू करेंगेराजा सिंह से पहले ही पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष कह चुके हैं कि अगर उनकी सरकार आती है तो असम की तरह ही बंगाल में भी NRC को लागू करेंगे।
बिप्लब देब ने एनआरसी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दीत्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने एनआरसी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, 'त्रिपुरा में एनआरसी को लेकर कोई मांग नहीं है। त्रिपुरा में हर चीज सुव्यवस्थित है। मुझे लगता है कि यह आसाम के लिए भी कोई बड़ा कारण नहीं है, सर्वानंद सोनोवाल जी इसे व्यवस्थित करने में सक्षम हैं। कुछ लोग डर फैलाकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।'
बता दें कि असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सोमवार को जारी कर दिया गया। असम देश में एक मात्र ऐसा राज्य है जहां एनआरसी जारी किया गया है, जिसमें पूर्वोत्तर राज्य के कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम हैं। जबकि करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं।