ओवैसी का शिवसेना पर तंज, कहा - दो घोड़ों की सवारी करना चाहते हैं उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता को लेकर शुरू हुई खीचतान अब तरह-तरह के बयान सामने आ रहे है, जहां एक तरफ बीजेपी राष्ट्रपति शासन लागू करने की धमकी दे रही है वहीँ दूसरी तरफ शिवसेना दावा कर रही है कि वह महाराष्ट्र में स्थायी सरकार गठन के लिए बहुमत जुटा सकती है। संजय राउत का कहना है कि लिखकर ले लीजिए, मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। सरकार गठन की प्रक्रिया तय वादों के हिसाब से ही आगे बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की जनता चाहती है कि जो भाजपा-शिवसेना के बीच 50-50 का फॉर्मूला तय हुआ था, उसी पर बात आगे बढ़े। अगर ऐसा नहीं होता तो फिर उद्धव जी और हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचता। वही इस सियासी सरगर्मी के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र की सियासत पर तंज कसा है। ओवैसी ने कहा कि उद्धव ठाकरे दो घोड़ों पर सवारी करना चाहते हैं। जनता को मूर्ख ना बनाएं।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहना है कि उद्धव ठाकरे अगर मुख्यमंत्री पद चाहते हैं तो दो घोड़ों पर सवारी नहीं कर सकते। ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री मोदी से घबरा गए हैं। वहीं शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के ढाई-ढाई साल सीएम पद पर रहने वाली बात पर भी एआईएमआईएम अध्यक्ष ने निशाना साधा। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह 50-50 क्या है, क्या यह कोई नया बिस्किट है। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम ना तो शिवसेना का समर्थन करेगी और ना ही बीजेपी का समर्थन करेगी।

वही शुक्रवार को महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर मचे दंगल के बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि सत्ता लोलुपता ऐसे गठबंधन करा देती, है जहां दिल नहीं मिलते सत्ता के लिए इकट्ठे हो जाते हैं। कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी का गठबंधन भी ऐसा ही था। बीजेपी ने सारे पीडीपी नेताओं को जेल में डाल दिया, शिवसेना और भाजपा का गठबंधन भी सत्ता के लिए था, कोई विचारधारा के लिए नहीं अब बात 50-50 की हो रही है।

वहीं शिवसेना के साथ सरकार बनाने में आ रही अड़चनों के बीच बीजेपी ने अन्य विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है। दोनों पार्टियों के बीच जारी सियासी संकट और लंबा खिंचने पर बीजेपी राष्ट्रपति शासन का भी कदम उठा सकती है। महाराष्ट्र के निवर्तमान वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के बयान से ऐसे संकेत मिलते हैं। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी पार्टी शिवसेना के साथ बातचीत जारी रख सकती है। अगर इस अवधि में बातचीत सही मुकाम पर पहुंचेगी तो फिर राष्ट्रपति शासन हटाकर सरकार बनाने का कभी भी फैसला हो सकता है।

बता दे, 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीट चाहिए। शिवसेना के 56 और एनसीपी के 54 विधायक हैं। यानी कुल 110 विधायक ही होते हैं जो बहुमत के मैजिक नंबर से 35 कम है। ऐसे में उन्हें कांग्रेस के 44 विधायकों के समर्थन की जरुरत होती। लेकिन अब जब कांग्रेस विपक्ष में बैठने को तैयार है तो शिवसेना के लिए बिना बीजेपी के सरकार बनाना बेहद मुश्किल होगा।