फारूक अब्दुल्ला का विवादित बयान, पाकिस्तान ने भी चूड़ियाँ नहीं पहनीं, उसके पास भी है परमाणु बम. . .

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए एक बयान पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आपत्ति जताते हुए एक नया विवादित बयान दे दिया है जिसने राजनीतिक मोर्चे पर तूल पकड़ लिया है।

गौरतलब है कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान दिया था और कहा था कि पीओके का भारत में विलय होगा। उन्होंने कहा था कि भारत में हो रहे जोरदार विकास को देखते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग खुद भारत के साथ रहने की मांग करेंगे। इससे पहले भारत के विदेश मंत्री भी कह चुके हैं कि PoK भारत का हिस्सा है। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं और उसके पास परमाणु बम भी हैं जो हम पर गिरेंगे।

रविवार को अब्दुल्ला ने कहा, 'अगर रक्षा मंत्री कह रहे हैं, तो कहें। हम उन्हें रोकने वाले कौन होते हैं? लेकिन याद रखना कि उन्होंने (पाकिस्तान) ने भी चूड़ियां पहनकर नहीं रखी हैं। उनके पास एटम बम है और दुर्भाग्य से वो एटम बम हम पर गिरेगा।'

भारतीय संसद के एक प्रस्ताव में भी है पीओके का जिक्र

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है और भारतीय संसद का एक प्रस्ताव है जिसमें कहा गया है कि पीओके देश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि लोगों के मन से पीओके के बारे में भुला दिया था। हालांकि, यह अब भारत के लोगों की चेतना में वापस आ गया है।

ओडिशा के कटक में एक इंटरैक्टिव सत्र के दौरान पीओके (Pok) के लिए भारत की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने जवाब दिया, “पीओके कभी भी इस देश से बाहर नहीं रहा है। यह इस देश का हिस्सा है। भारतीय संसद का एक प्रस्ताव है कि पीओके वास्तव में इसका हिस्सा है। अब पीओके पर अन्य लोगों का नियंत्रण कैसे हो गया? आप जानते हैं, जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो घर का जिम्मेदार संरक्षक नहीं होता है तो कोई बाहरी कैसे चोरी करता है।”

राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर अपना दावा कभी नहीं छोड़ेगा, लेकिन इस पर बलपूर्वक कब्जा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि इसके लोग कश्मीर में विकास को देखने के बाद स्वयं इसका (भारत का) हिस्सा बनना चाहेंगे।

सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्थिति में काफी सुधार हुआ है और ऐसा समय आएगा जब इस केंद्र शासित प्रदेश में 'AFSPA' (सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम) की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। हालांकि, रक्षा मंत्री ने कहा कि यह विषय केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है और वह उपयुक्त निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव भी जरूर होंगे, लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई।

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत को कुछ नहीं करना पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से जमीनी हालात बदले हैं, क्षेत्र में जिस तरह से आर्थिक प्रगति हो रही है और वहां जिस तरह से शांति लौटी है, मुझे लगता है कि पीओके के लोगों की ओर से यह मांग उठेगी कि उनका भारत में विलय होना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'हमें पीओके पर कब्जा करने के लिए बल प्रयोग नहीं करना पड़ेगा क्योंकि (वहां के) लोग ही कहेंगे कि हमें भारत में विलय करना चाहिए। ऐसी मांगें अब उठ रही हैं।'

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा, 'पीओके हमारा था, है, और हमारा रहेगा।' जम्मू-कश्मीर में जमीनी हालात में सुधार होने का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि वहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होंगे लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई। उन्होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से स्थिति में सुधार हो रहा है, उसे देखकर मुझे लगता है कि ऐसा समय आएगा जब वहां अफस्पा की आवश्यकता नहीं होगी। यह मेरा विचार है और इस पर निर्णय गृह मंत्रालय को लेना है।'

'अफस्पा' सुरक्षा बलों को अभियान चलाने और बिना किसी पूर्व वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की शक्ति देता है। रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के 'छद्म युद्ध' का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लामाबाद को सीमा पार आतंकवाद को रोकना होगा। उन्होंने कहा, 'वे भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं और हम ऐसा नहीं होने देंगे।' सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सीमा पार आतंकवाद से निपटने पर ध्यान केंद्रित करता रहेगा।