पुणे। पुणे के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ खुली जांच की मांग की है।
इससे पहले नासिक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में दिलीप खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। मामले की जांच जारी रहने के कारण पुणे एसीबी नई जांच शुरू नहीं कर सकता।
दिलीप खेडकर से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायतकर्ता अधिवक्ता तानाजी गंभीरे ने पुणे एसीबी को 2,000 से अधिक पन्नों के साक्ष्य सौंपे हैं। शिकायतकर्ता ने मामले में खेडकर परिवार से जुड़ी नौ कंपनियों का जिक्र किया है।
दिलीप खेडकर 2020 में महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए। सूत्रों ने बताया कि दिलीप खेडकर की संपत्ति की प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि महाराष्ट्र सरकार में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी।
इस बीच, पुणे एसीबी ने मामले में पुणे में खुली जांच करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के एसीबी मुख्यालय से अनुमति मांगी है। अगर यह अनुमति नहीं मिलती है, तो पुणे में दर्ज शिकायत को नासिक के मूल मामले के साथ मिला दिया जाएगा और नासिक विभाग दोनों मामलों की खुली जांच करेगा।
अगर एसीबी द्वारा दिलीप खेडकर की खुली जांच की जाती है, तो संस्था को देशभर में उनकी संपत्तियों और परिसंपत्तियों के संबंध में सीधी कार्रवाई करने की अनुमति मिल जाएगी। पुणे एसीबी ने मुंबई मुख्यालय को एक रिपोर्ट सौंप दी है।
दिलीप खेडकर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा खुली जांच तब शुरू की गई जब सत्ता के दुरुपयोग को लेकर विवाद के बीच पूजा खेडकर की ओबीसी स्थिति सवालों के घेरे में आ गई। कई दस्तावेजों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में दावा किया गया कि पूजा खेडकर की पारिवारिक संपत्ति 40 करोड़ रुपये से अधिक है।
खेडकर के पास मुंबई, पुणे, पुणे ग्रामीण और अहमदनगर में कई संपत्तियां हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के हलफनामे में घोषणा की कि उनके पास करीब 40 करोड़ रुपये की संपत्ति और संपत्ति है।
पूजा खेडकर द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों के बाद खेडकर परिवार जांच के दायरे में आया, साथ ही विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने और ओबीसी कोटा का दुरुपयोग करने के आरोप भी लगे।
पूजा खेडकर को शुरू में विशेष सुविधाओं की मांग के चलते पुणे से वाशिंगटन स्थानांतरित कर दिया गया था और केंद्र सरकार ने उनके प्रशिक्षण
को रोक दिया है। केंद्र सरकार द्वारा गठित एक समिति पूजा खेडकर के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है।