अमृतसर ट्रेन हादसा : ट्रेन ड्राइवर के बयान को स्थानीय लोगों ने बताया झूठा, कहा - आस-पास मृत और घायल लोग पड़े हों और हम पत्थर फेकेंगे?

अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास हुए भीषण हादसे में 62 लोगों की मौत होने के बाद रेलवे और प्रशासन एक दूसरे के ऊपर आरोप थोप रहा है। वही इस पूरी घटना पर ट्रेन के ड्राइवर अरविंद कुमार ने रविवार को अपना बयान दिया था जिसमे बताया गया कि हादसे के बाद उनकी ट्रेन रूकने की स्थिति में आ गई थी, लेकिन अचानक लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। ऐसे में ट्रेन में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ड्राइवर ने वहां ट्रेन नहीं रोकी। लेकिन इस बयान का स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। अमृतसर में वार्ड नंबर 46 के पार्षद शैलेन्द्र सिंह शली ने बताया, ‘‘मैं घटनास्थल पर था। ट्रेन रोकने की बात तो छोड़ दीजिये यह धीमा भी नहीं हुआ। ऐसा लगा कि अगर चालक चाहता तो हमें भी कुचल देता। ट्रेन कुछ सकेंड में हमारे पास से गुजर गयी।'' उन्होंने कहा, ‘‘क्या ऐसे में हमारे लिए तार्किक रूप से ट्रेन पर पत्थर फेंकना संभव है जब हमारे आसापास मृत और घायल लोग पड़े हों? क्या ऐसी घटना के बाद हमारे लिए ऐसा आचरण कर पाना और तेज रफ्तार में जा रही एक ट्रेन पर पत्थर फेंकना संभव है? चालक झूठ बोल रहा है।'

पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने रविवार को भारतीय रेलवे पर निशाना साधते हुए उसके कामकाज पर कई सवाल उठाये और पूछा कि कैसे ट्रेन के लोको पायलट को ‘क्लीन चिट' दी जा रही है। सिद्धू ने पूछा, ‘‘आपने कौन से आयोग का गठन किया था कि आपने एक दिन में उसे (लोको-पायलट) क्लीन चिट दे दी। क्या चालक स्थाई था या वह एक दिन के लिए काम में लगा हुआ था। आप क्यों नहीं कहते हो?" उन्होंने दावा किया, ‘‘जब आप गाय के लिए (ट्रेन) रोकते हैं, कोई ट्रैक पर बैठे पाया गया तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है। आप लोगों को रौंदते हुए निकल जाते हो और आप नहीं रुके। ट्रेन की गति क्या थी? यह 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक थी...सनसनाते हुए निकल गयी।'' जोड़ा फाटक पर हुए इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू थी। घटना के संबंध में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा था कि रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई है। सिन्हा के इस बयान पर सिद्धू का बयान आया है।

रेलवे ने कहा है कि रेलवे पटरी के निकट आयोजित हुए दशहरा कार्यक्रम के आयोजकों और स्थानीय प्रशासन ने उन्हें सूचित नहीं किया था। बता दें कि विपक्षी पार्टियों ने रेलवे पटरियों के निकट कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है। अकाली दल ने पंजाब की कांग्रेस सरकार से सिद्धू को बर्खास्त किये जाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने एक ‘अनधिकृत' कार्यक्रम की अध्यक्षता की। राज्य सरकार ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये है।