अंग्रेजों के पक्ष में था अमृता रॉय का परिवार, तृणमूल कांग्रेस का दावा, भाजपा उम्मीदवार ने बजाई ताली

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार राजमाता (रानी मां) अमृता रॉय का परिवार अंग्रेजों के पक्ष में था। तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि जब बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ रहे थे, तो कृष्णानगर के राजा राजा कृष्णचंद्र रॉय ने ब्रिटिश सेना की मदद की थी।

भाजपा पर कटाक्ष करते हुए घोष ने कहा, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि (वीर) सावरकर की पार्टी, जो महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार है, उस परिवार से किसी को उम्मीदवार बनाएगी, जिसने अंग्रेजों का समर्थन किया था। दूसरी ओर, महुआ मोइत्रा देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही हैं।

मोइत्रा कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार हैं, यह सीट उन्होंने पिछले साल कैश-फॉर-क्वेरी मामले में सांसद के रूप में अयोग्य घोषित होने से पहले 2019 में जीती थी।

अमृता रॉय ने तृणमूल के दावों का खंडन किया

घोष पर पलटवार करते हुए रॉय ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये ''झूठे'' हैं। मुझे लगता है कि हर बंगाली और हर भारतीय इस बात से सहमत होगा कि मेरे परिवार के बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है वह पूरी तरह से झूठ है। आरोप यह है कि राजा कृष्णचंद्र रॉय ने अंग्रेजों का पक्ष लिया था। उन्होंने ऐसा क्यों किया? यह सिराज-उद-दौला की यातना के कारण है।

रॉय ने आगे कहा, अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता, तो क्या हिंदू धर्म यहां बच पाता? क्या सनातन धर्म बच पाता? नहीं। तब, वह एक और पहचान में बदल गया होता। अगर ऐसा है, तो हम यह क्यों नहीं कह सकते कि महाराजा ने हमें एक सांप्रदायिक विरोधी हड़ताल से बचाया था।''