क्वीन ऑफ़ इंडियन ट्रैक - पीटी उषा

पूरा नाम पिलावुलकंडी थेक्केपारंबिल उषा
अन्य नाम पय्योली एक्सप्रेस, गोल्डन गर्ल
जन्म 27 जून, 1964
जन्म स्थान पय्योली, कोज्हिकोड़े, केरल
माता-पिता टी वी लक्ष्मी – इ पी एम् पैतल
प्रोफेशन ट्रैक एवं फील्ड एथलीट
हाईट 5 फीट 7 इंच


पी टी उषा अवार्ड्स (Awards won by P T Usha) –


*एथलेटिक्स के खेल के प्रति उनके प्रयास एवं उत्कृष्ट सेवा, साथ ही राष्ट्र का नाम ऊँचा करने के लिए पी टी उषा जी को 1984 में ‘अर्जुन अवार्ड’ दिया गया.

*1985 में देश के चौथे बड़े सम्मान ‘पद्मश्री’ से उषा जी को सम्मानित किया गया.

*इसके अलावा इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने पी टी उषा जी को ‘स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ दी सेंचुरी’ एवं ‘स्पोर्ट्स वीमेन ऑफ़ दी मिलेनियम’ का ख़िताब दिया.

*1985 में जकार्ता में हुए ‘एशियन एथलीट मीट’ में उषा जी को उनके बेहतरीन खेल के लिए ‘ग्रेटेस्ट वीमेन एथलीट’ का ख़िताब दिया गया था.

*बेस्ट एथलीट के लिए पी टी उषा जी को सन 1985 एवं 86 में ‘वर्ल्ड ट्रोफी’ से सम्मानित किया गया था.

*1986 के एशियन गेम्स के बाद ‘एडिडास गोल्डन शू अवार्ड फॉर दी बेस्ट एथलीट’ का ख़िताब दिया गया.


पी टी उषा उपलब्धि (P T Usha Achievements) –

*1977 में कोट्टयम में राज्य एथलीट बैठक में एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया.
*1980 में मास्को ओलंपिक में हिस्सा लिया.
*पहली महिला एथलीट बनी जो ओलंपिक के फाइनल तक पहुंची.
*16 साल की उम्र में उषा जी ने 1980 के मास्को ओलंपिक में हिस्सा लिया था, जिसके बाद वे सबसे कम उम्र की भारतीय एथलीट बन गई थी.
*लॉसएंजिल्स ओलंपिक में पहली बाद महिला एथलेटिक्स में 400 मीटर प्रतिस्पर्धा में बाधा दौड़ जोड़ी गई, जहाँ पी टी उषा जी ने 55.42 सेकंड का एक रिकॉर्ड बना दिया था. जो आज भी इंडियन नेशनल रिकॉर्ड है.

आज पी टी उषा जी केरल में एथलीट स्कूल चलाती है, जहाँ वे यंग एथलीट को ट्रेनिंग दिया करती है. यहं उनके साथ टिंटू लुक्का भी वहां है, जो लन्दन 2012 के ओलंपिक में वीमेन सेमीफाइनल 800 मीटर की रेस को क्वालिफाइड कर चुकी है. पी टी उषा जी की प्रतिभा का समस्त देश वासी सम्मान करते है, साथ ही उनके अपने प्रोफेशन के प्रति जस्बे को सलाम करते है.