पश्चिम बंगाल: TMC में लौटे 300 बीजेपी कार्यकर्ताओं का गंगाजल छिड़क हुआ शुद्धीकरण

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की जीत के बाद बीजेपी के खेमे में खलबली मच गई है। चुनाव से पहले टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले नेता और कार्यकर्ता चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर से अपना पाला बदल रहे है। सभी दोबारा ममता बनर्जी के साथ दोबारा जुड़ना चाहते है। बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय 11 जून को अपने बेटे शुभ्रांशु के साथ अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट गए थे। पार्टी में औपचारिक रूप से फिर से शामिल होने के पहले मुकुल रॉय ने तृणमूल भवन में ममता बनर्जी के साथ मुलाकात की। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य की सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं ने वापसी पर उनका स्वागत किया था। तृणमूल के संस्थापकों में शामिल रॉय ने कहा कि वह 'सभी परिचित चेहरों को फिर से देखकर खुश हैं।’

बीजेपी के 300 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी ऑफिस के बाहर बीजेपी के 300 कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे थे। इनकी मांग थी कि इन्हें दोबारा टीएमसी में शामिल किया जाए। धरने पर बैठे एक कार्यकर्ता अशोक मोंडल ने कहा, 'हम चाहते हैं है कि हमें टीएमसी में वापस लिया जाए। बीजेपी में शामिल हो कर हमने अपने गांव के विकास को रोक दिया है। बीजेपी में शामिल होने से हमें कोई फायदा नहीं हुआ। उल्टा हमें नुकसान हुआ।'

गंगाजल शुद्धीकरण अभियान

ऐसे में टीएमसी ने शुक्रवार को टीएमसी में दोबारा शामिल करने से पहले पार्टी ने BJP के 300 कार्यकर्ताओं का पहले गंगाजल से शुद्धीकरण किया गया और फिर इनकी टीएमसी में घर वापसी हुई। कहा जा रहा है कि गंगाजल शुद्धीकरण अभियान करीब 3 घंटे तक चला। सुबह 8 बजे से लेकर 11 बजे तक बारी-बारी से कार्यकर्ताओं को बुलाकर उन पर गंगाजल छिड़का गया।

बीजेपी ने हमारे दिमाग में जहर घोल दिया

अशोक मोंडल ने कहा, 'बीजेपी एक सांप्रदायिक पार्टी है। बीजेपी ने हमारे दिमाग में जहर घोल दिया है। हमारी शांति भंग हो गई है। इसलिए शांति लौटाने के लिए कार्यकर्ताओं पर पवित्र गंगाजल छिड़क रहे हैं। लिहाजा ये लोगों के शुद्धीकरण के लिए नहीं था। बल्कि उनके दिमाग को शुद्ध करने के लिए था।'