तैयार रहे आप, होने वाला है GST का एक और वार

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के लिए फैसले लेनी वाली शीर्ष इकाई जीएसटी परिषद की 21वीं बैठक हैदराबाद में शुरू हो गई। वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली यह परिषद लक्जरी और मध्यम आकार की कारों पर जीएसटी सेस वृद्धि समेत कई अन्य मु्द्दों पर विचार करेगी।

गौरतलब है कि इस परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली के अलावा अन्य सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या प्रतिनिधि शामिल हैं। बैठक से पहले आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री वाई. रामकृष्णाडु ने कहा कि हम राज्य की उन मांगों को बैठक में रखेंगे जो हम पहले भी उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद हमारे आरंभिक अनुमान के अनुसार राज्य के राजस्व में 2,900 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।'

रामकृष्णाडु ने कहा कि उन्होंने परिषद से सरकारी परियोजनाओं के लिए टैक्स दर को उदार रखने के लिए कहा है, क्योंकि आज की तारीख में करीब 20,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है।

रामकृष्णाडु की बात का समर्थन करते हुए तेलंगाना के वित्त मंत्री ई. राजेंदर ने कहा कि राज्य ने 33 वस्तुओं पर कर दर कम करने के लिए कहा है। बीड़ी, ग्रेनाइट और हथकरघा उत्पाद इत्यादि कुछ ऐसी वस्तुएं हैं जिन पर राज्य ने कर कम करने का अनुरोध किया है।

आज की बैठक में लक्जरी और मध्यम आकार की कारों पर जीएसटी सेस की दर को 25% किए जाने पर फैसले समेत कई अन्य वस्तुओं पर कर विसंगति को दूर करने के बारे में निर्णय किया जाएगा।
इससे पहले पांच अगस्त को हुई परिषद की पिछली बैठक में कारों पर सेस की दर को बढ़ाकर 25% करने पर विचार विमर्श किया गया था, अभी यह दर 15% है।

सरकार अगर यह निर्णय लेती है तो उनका यह निर्णय आम आदमी की कमर तोड़ कर रख देगा सरकार की नीतियों का सीधा असर आम आदमी की जेब खाली करवाता नजर आ रहा है। कई जगह GST के खिलाफ जनता के प्रदर्शन यह बात तो साबित कर देती है की वे GST की नीतियों से खुश नही है खेर देखने की बात यह होगी की सरकार GST के मामले में जनता का विस्वास किस तरह जित पाएगी।