
भारतीय कूटनीति ने एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत और संवेदनशीलता का एहसास करा दिया है। दरअसल, ईरान ने एक असाधारण फैसला लेते हुए अपने बंद एयर स्पेस को केवल भारत के लिए खोलने की अनुमति दी है—वो भी ऐसे वक्त में जब हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। यह कदम युद्ध प्रभावित इलाकों में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिसे एक बड़ा और साहसिक मानवीय प्रयास कहा जा सकता है।
इस फैसले को भारतीय विदेश नीति की एक अहम जीत के रूप में देखा जा रहा है। ऑपरेशन सिंधु के अंतर्गत, कम से कम 1,000 भारतीय छात्र आज दिल्ली पहुंचने की उम्मीद के साथ अपने देश लौट रहे हैं। यह न केवल एक भावुक पल है, बल्कि राहत की सांस भी है उन परिवारों के लिए जो अपनों की सलामती की दुआ कर रहे थे।
ईरान द्वारा हवाई मार्ग खोले जाने के तुरंत बाद, पहली फ्लाइट आज रात लगभग 11:00 बजे नई दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने वाली है। छात्रों को लाने के लिए यह विशेष विमान ईरान के मशहद शहर से उड़ान भरेगा और उनके लिए एक सुरक्षित सफर सुनिश्चित करेगा।
यही नहीं, राहत मिशन यहीं नहीं रुकेगा। दूसरी और तीसरी फ्लाइट की योजना भी पूरी तरह तैयार है—शनिवार को इन दोनों विमानों में से एक सुबह और दूसरा शाम को दिल्ली पहुंचेगा। यह क्रमिक प्रयास सरकार की गंभीरता और संवेदनशीलता को दर्शाता है कि हर छात्र को सुरक्षित स्वदेश लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
यह मिशन केवल एक लॉजिस्टिक ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारत की “सबका साथ, सबका विकास” सोच का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मानवीय उदाहरण है।