नई डिजिटल प्रिंट वाली वर्दी में सरहद की सुरक्षा करेंगे BSF जवान, बॉर्डर फेंसिंग में भी होगा बड़ा बदलाव

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस यानी बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के लिए एक अहम निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत बीएसएफ की वर्दी और सीमा पर फेंसिंग दोनों को अपग्रेड किया जा रहा है, जिससे जवानों की सुरक्षा और सरहद की निगरानी पहले से कहीं अधिक सुदृढ़ हो सके।

नई वर्दी में होगा डिजिटल प्रिंट और संतुलित रंग संयोजन


बीएसएफ के जवान अब नई डिजिटल प्रिंट वाली वर्दी में नजर आएंगे। इस नई वर्दी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसमें रंगों के अनुपात पर विशेष ध्यान दिया गया है। वर्दी में 50% खाकी, 45% हरा और 5% भूरा रंग शामिल होगा। यह वर्दी सेना और सीआरपीएफ की कॉम्बैट ड्रेस की तरह डिजिटल पैटर्न में होगी, जिससे जवान हर मौसम और इलाके में बेहतर ढंग से घुल-मिल सकें। साथ ही, यह वर्दी अब आम बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होगी, जिससे सुरक्षा का स्तर और ऊंचा होगा।

बॉर्डर फेंसिंग भी होगी अत्याधुनिक

इसके अलावा भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ द्वारा नई और अत्याधुनिक फेंसिंग लगाई जा रही है। इस फेंसिंग में उन्नत सुरक्षा तकनीकें शामिल की जा रही हैं, जो सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को रोकने में प्रभावी साबित होंगी।

नई फेंसिंग की खास विशेषताएं:

एंटी-कट डिजाइन: इस फेंस को आसानी से काटा नहीं जा सकता, जिससे घुसपैठ को रोकना संभव होगा।

स्मार्ट तकनीक: कैमरे, सेंसर और निगरानी उपकरणों से लैस यह फेंसिंग हर गतिविधि पर नजर रखेगी।

सीसीटीवी निगरानी: हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग और मॉनिटरिंग के लिए हाई-रेजोल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे।

सेंसर अलर्ट सिस्टम: फेंसिंग में लगे सेंसर किसी भी संदिग्ध गतिविधि या कंपन का तुरंत पता लगाएंगे।

नई व्यवस्था से क्या होंगे फायदे?

घुसपैठ पर रोक: अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह फेंसिंग सीमा पार से अवैध प्रवेश को रोकेगी।

ड्रोन गतिविधियों की पहचान: ड्रोन के माध्यम से की जा रही घुसपैठ को पहचानना और रोकना आसान होगा।

सीमावर्ती नागरिकों की सुरक्षा: सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को यह नई प्रणाली और पुख्ता करेगी।

रिस्पॉन्स टाइम में तेजी: संदिग्ध वस्तु या गतिविधियों की पहचान तेज होगी, जिससे तुरंत कार्रवाई संभव होगी।

राजस्थान और पंजाब में बढ़ेगी निगरानी

राजस्थान में भारत-पाक सीमा के 1070 किलोमीटर के हिस्से की निगरानी बीएसएफ कर रही है। यहां नई फेंसिंग में एंटी-कट डिजाइन, सेंसर और निगरानी कैमरे लगाए जा रहे हैं। पंजाब में भी इसी तरह की फेंसिंग का कार्य जारी है। साथ ही, सीमा पर तैनात स्निफर डॉग्स की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि विस्फोटक या संदिग्ध वस्तुओं की समय पर पहचान हो सके।