बढती जा रही हैं बच्चे की शैतानी, इन तरीकों से करें उनकी समझाइश

कहा जाता है कि बच्चे शैतानी नहीं करेंगे तो क्या बड़े करेंगे? मगर जब ये शैतानी सीमा पर करने लगती है और स्वयं को और दूसरों को नुकसान पहुँचाने लगती है तो माता-पिता का चिंतित होना स्वाभाविक है। कई पैरंट्स यह शिकायत करते दिख जाते हैं कि उनके बच्चे बहुत शैतान हैं जिस वजह से वह न सिर्फ परेशान हो जाते हैं बल्कि कहीं जा भी नहीं पाते। उनकी शैतानी कम करने के लिए कई बार माता-पिता हाथ भी उठाते हैं लेकिन यह करना सही नहीं है। इसका बच्चे पर गलत प्रभाव पड़ता है। शैतान बच्चे से मतलब उस बच्चे से है जो अक्सर शरारत करता हो और अपने मन की मनवाने की कोशिश करता हो। ऐसे बच्चे एग्रेसिव हो सकते हैं। हो सकता है कि वो अपने दोस्तों के साथ हाथापाई भी कर लेता हो। अगर आपका बच्चा भी शैतान है, तो जानिए उसके साथ कैसे डील करें।

शैतानी करने की वजह जानना जरूरी

कई स्टडीज में यह सामने आ चुका है कि ज्यादातर बच्चे शैतानी अपने पैरंट्स का अटेंशन पाने के लिए करते हैं। दोनों पैरंट्स वर्किंग हों और बच्चे पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाए तो उस स्थिति में बच्चा ज्यादा शैतानी करने लगता है। माता-पिता को यह परेशान या गुस्सा दिला सकता है लेकिन बच्चा शैतानी क्यों कर रहा है इसकी वजह समझना भी बेहद जरूरी है।

गुस्सा ना करें


शैतानियों पर गुस्सा करते हुए भी गुस्से पर कंट्रोल करना मुश्किल होता है। ये जरूरी है क्योंकि आपकी एक उंची आवाज और आपकी डांट उन्हें अंदर से डरा कर रख देती है। इसके बदले बेहतर ये होगा कि आप एक गहरी सांस लें और कूल माइंड से इससे डील करने की कोशिश करें। अक्सर पैरेंट्स उन्हें बिना कुछ सोचे समझे थप्पड़ लगा देते हैं जो तार्किक नहीं है। ऐसा करने से आप उस समय तो बच्चे को धमका कर अपने कंट्रोल में कर सकते हैं लेकिन इसका लॉन्गटर्म प्रभाव उल्टा पड़ता है, और आगे के लिए अच्छा नहीं होता।

निगेटिव मूड्स को करें इग्नोर

शैतान बच्चा आपको कई बार निगेटिव मूड में दिखेगा। आपको उसका मूड देखने के बाद बहुत सारा गुस्सा भी आएगा। हो सकता है कि आप उस पर हाथ भी उठा दें, लेकिन ये गलत होगा। अगर आप बच्चे को मारती हैं तो उसके बिहेवियर में अधिक बदलाव आ जाएगा। बच्चा अधिक बिगड़ सकता है। हो सकता है कि पेरेंट्स और बच्चे के बीच रिलेशनशिप खराब हो जाए। आपको कुछ बातों को इग्नोर करना भी सीखना होगा बजाय गुस्सा करने के।

बच्चे को करें बिजी


बच्चे को किसी न किसी ऐक्टिविटी में बिजी रखें। बच्चे नई चीजें ट्राई करना काफी पसंद करते हैं। वे ऊर्जा से भरे होते हैं ऐसे में उन्हें खेल-कूद ज्यादा पसंद आता है। उन्हें किसी ऐक्टिविटी क्लास में डालें जिससे उनकी ऊर्जा का इस्तेमाल होने के साथ ही उन्हें कुछ नया सीखने को भी मिलेगा।

बच्चे को इमोशन कंट्रोल करना सिखाएं


बच्चा डिमांड करें और फिर उसे मना कर दिया जाए तो उसे खूब गुस्सा आ सकता है। कुछ बच्चे रिजेक्शन बर्दाशत नहीं कर पाते हैं। उनकी आदत होती है कि जो भी वो कहें, उसे पूरा किया जाए। ऐसे में माता-पिता भी परेशान हो सकते हैं। आपको परेशान होकर या बच्चे के गुस्से को देखकर गुस्सा आ सकता है, लेकिन ये समस्या का हल नहीं है। बच्चों को सिखाएं कि जब रिजेक्शन हो, तो गुस्सा कंट्रोल करना सीखें। गुस्सा करना किसी भी समस्या का हल नहीं होता है। बच्चे को उसकी हॉबी में बिजी रहना सिखाएं। जैसे कि उसे गाना, डांस, पेंटिंग या बुक रीडिंग। उसे जो भी पसंद हो, आप भी उसका उन हॉबीज में साथ दीजिए। ऐसा करने से आप दोनों के बीच की बॉन्डिंग बढ़ जाएगी और आपका शैतान बच्चा अब पहले जैसा बिल्कुल नहीं रहेगा।