क्या आपका पार्टनर भी हैं एनपीडी का शिकार, ऐसे करें डील

'अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनना' ये मुहवरा तो आपने सुना ही होगा, बस इसका ही उदाहरण होते हैं नार्सिसिस्टिक यानी आत्ममुग्ध लोग। हममें से ज्यादातर लोगों के आसपास ऐसे जरूर कुछ लोग होंगे, जिन्हें अपने आगे कुछ सूझता ही नहीं। उनकी आदत होती है हर वक्त अपने आपको को बेहतर दिखाने की। उनकी दुनिया बस अपने ही इर्द-गिर्द घूमती है। खुद के मुंह से तो अपनी तारीफ करते ही रहते हैं, साथ ही दूसरों से भी अपनी जबरदस्ती तारीफ करवाते रहतेहैं। ऐसे लोगों के साथ रहना चुनौती भरा हो सकता है। अगर आपका पार्टनर भी इस स्वभाव का है, तो उसके साथ जिंदगी बिताने का फैसला जरा सोच-समझकर लें और अगर फैसला ले लिया हैं कुछ बातों का ध्यान रखें। आइये जानते हैं नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के बारे में -

नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर क्या है

नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर एक ऐसी मानसिक स्थिति हैं, जिसमें व्यक्ति केवल अपनी तारीफ सुनना ही पसंद करता है और खुद को सर्वोत्तम मानता है। ऐसे लोग अपने व्यवहार से दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होते हैं और उन्हें अपने अनुसार चलाने की कोशिश करने लगते हैं। कल्पनाओं की दुनिया में रहने वाले ऐसे लोग अपने आप को अन्य लोगों की तुलना में उच्च मानने लगते हैं।

समय रहते संकेतों को पहचानना जरूरी

रिश्ते में बदले की भावना अचानक से नहीं पनपती बल्कि ऐसी सोच नार्सिसिस्ट पार्टनर में हमेशा से मौजूद होती है। बदले की सोच रखना एक तरह का बिहेवियर है, जो शख्स की आंतरिक वायरिंग में हमेशा से मौजूद होता है और मौका मिलने पर बाहर आ सकता है। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने और स्वस्थ रिश्ते के साथ स्वस्थ ब्रेकअप के लिए भी जरूरी है कि नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की पहचान की जाए। किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखें तो उससे संभव दूरी बरती जाए।

सेल्फ केयर है ज़रूरी

अगर आप एक नार्सिसिस्ट पार्टनर के साथ जीवन बिता रही हैं, तो उसके व्यवहार को खुद पर हावी न होने दें। जीवन में अपने अलग गोल्स सेट करें और उन्हें पूरा करने का प्रयास करते हैं। इससे पार्टनर को व्यवहार आपके जीवन को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं कर पाएगा।

नार्सिसिस्ट का सबसे मारक हथियार है गैसलाइटिंग

नार्सिसिस्ट बिहेवियर वाले लोग पार्टनर के साथ और करीबी रिश्तों में भी गैसलाइटिंग कर सकते हैं। दरअसल, गैसलाइटिंग एक साइकोलॉजिकल टेकनीक है, जिसमें बिना गलती के किसी शख्स को अपराधबोध महसूस कराया जाता है। बदला लेने के लिए जिस शख्स के साथ गैसलाइटिंग की जा रही है, वह धीरे-धीरे बिना किसी गलती के ही खुद को दोषी मानने लगता है। उसे लगता है कि सारी समस्या की जड़ वह खुद है और नार्सिसिस्ट व्यक्ति की कोई गलती नहीं है।

सीमाओं को निधार्रित कर लें

हर वक्त पार्टनर के अनुसार चलना और बात बात पर उसे मनाने की जगह जीवन में कुछ सीमाएं निर्धारित कर लें। इस बात का ख्याल रखें कि पार्टनर को अहमियत देने के चलते कहीं आप अपना जीवन जीना न भूल जाएं। खुद के लिए समय निकालें और कडे़ शब्दों में अपनी लिमिट्स को जाहिर कर दें।

खुद की अहमियत समझें

पार्टनर के साथ रिलेशनशिप को हेल्दी रखने के अलावा अपने महत्व को समझें। इस बात को जानें कि आपकी अलग पहचान है और खुद को जीवन में आगे बढ़ाएं। पार्टनर की कही बातों से खुद को बचाने के लिए किसी भी प्रकार से रिएक्ट करने से बचें। जीवन में अपने गोल्स सेट करें और उन्हीं के अनुरूप आगे बढ़ें।

उलझने से बचें

नार्सिसिस्ट पार्टनर हर वक्त किसी न किसी प्रकार से अपने पार्टनर को अपने नियंत्रण में रखने का प्रयास करता है। ऐसे में अपने महत्व को समझें और उसकी बातों को अवॉइड करें। इससे आपके व्यवहार में सकारात्मकता बढ़ने लगेगी और किसी भी प्रकार के मनमुटाव से भी बचे रहेंगे।

सुधारने की कोशिश कभी नहीं करें

नार्सिसिस्ट लोगों को सुधारने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह बातचीत से संभव नहीं है। यह काम लंबी काउंसिलिंग के जरिए ही हो सकता है और सिर्फ ऑथराइज्ड एक्सपर्ट ही कर सकते हैं। इसलिए अपने बचाव के लिए जरूरी है लोगों को पहचानना और अपने चारों ओर एक सुरक्षित बाउंड्री बनाना।