किसी भी रिश्ते में अगर प्यार होता है तो उसे अच्छे से निभाया जा सकता है। रिश्ते को निभाने के लिए प्यार के साथ ही समझ, विश्वास और कोशिश करते रहने की क्षमता भी होना चाहिए। हो सकता है कि आप दोनों एक दूसरे से प्रेम तो करते हों लेकिन अगर आप एक दूसरे को समझते नहीं तो दिक्कत आ सकती है। पार्टनर्स को एक-दूसरे को समझना और भरोसा करना होगा और रिश्ते को बनाए रखने के लिए अपने प्रयास जारी रखने होंगे। कई रिश्तों में पार्टनर अधिक भावुक होते हैं। ऐसे में उनकी भावुकता उनके पार्टनर को कुछ भी सोच-समझकर करने पर मजबूर कर देती है। आपके पार्टनर का ज्यादा इमोशनल होना कभी-कभी रिलेशनशिप की समस्या बनने लगती है। ऐसे में हर दिन आपकी न जाने कौन सी बात आपके साथी को बुरी लग जाए और झगड़ा शुरू हो जाए। ऐसे सिचुएशन में माहौल को संभालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। रिश्ता संभालने की पूरी जिम्मेदारी आप पर आ जाती है। ऐसे में अगर इन टिप्स को फॉलो करें, जो आपके बड़े काम आ सकती हैं...
पार्टनर के व्यवहार और भावनाओं को समझेंबता दें किसी भी परेशानी को हल करने के लिए उसके बारे में समझने की जरूरत होती है। ऐसा ही रिश्ते में भी होता है। अगर आपका साथी इमोशनल है तो उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। आपके किस व्यवहार पर उनका क्या रिएक्शन होता है? पार्टनर किन बातों पर भावुक हो सकता है? आराम से बैठकर इन बातों को समझने की कोशिश करें। उनकी भावुकता पर चिढ़ने के बजाए नरमता से व्यवहार करें।
अपने पार्टनर की बात को सुनें अपने पार्टनर की बात को सुनना एक महत्वपूर्ण गुण है जो किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाता है। जब आप अपने साथी की बातें ध्यान से सुनते हैं, तो यह न केवल उनके विचारों और भावनाओं को समझने में मदद करता है, बल्कि उन्हें यह भी महसूस कराता है कि वे महत्वपूर्ण हैं और उनका सम्मान किया जा रहा है।इससे आपसी विश्वास और समझ बढ़ती है, और किसी भी गलतफहमी को दूर करने में मदद मिलती है। इस प्रकार, अपने पार्टनर की बात को सुनना एक स्वस्थ और खुशहाल रिश्ते की नींव रखता है।
पार्टनर रोए तो चिल्लाए नहींकई बार भावुक लोग रिलेशनशिप में हर बात पर रोने लग जाते हैं और ऐसे हालात में सामने वाला पार्टनर उन पर चिल्लाने भी लगता है। दरअसल, रोना भावुक लोगों की प्रवृति का हिस्सा माना जाता है, जिसे वे चाहकर भी रोक नहीं पाते हैं। ऐसे में नाराज होने के बजाय उन्हें चुप कराए और फिर लड़ाई या झगड़े को प्यार से खत्म करने की कोशिश करें।
प्यार से सुधरेगी हर बिगड़ी बातरिश्ते में प्यार का सबस अहम रोल होता है। पार्टनर भावुक हो या गुस्से में हो, आप उन्हें प्यार से ट्रीट करेंगे तो वह भी आपकी आपके प्यार के सामने कमजोर पड़ जाएंगे। अगर पार्टनर बात बात पर रोता है तो उसकी पसंद न पसंद का ध्यान रखें। छोटी-छोटी चीजों से उन्हें खुश रखने का प्रयास कर सकते हैं।
इग्नोर न करें, अहमियत देंकोई भी इंसान अगर भावुकता में कुछ कह रहा है तो उसकी बातों को सुने और अहमियत दें। इससे उनके मन के अंदर की बात बाहर आ जाएगी। उनकी नाराजगी का पता चल जाएगा और आप उसे सुधारने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए जब भी पार्टनर भावुक हो, सबसे पहले उनकी बातों को गौर से सुनें और उस पर चर्चा करें।
नरमी से पेश आएंअगर पार्टनर या साथी हर बात पर टची हो जाता है तो उससे नाराज होने की बजाय नरमी से पेश आएं। तालमेल बनाकर रखें। इससे हो सकता है, जब उसका गुस्सा शांत हो तो उसे पछतावा हो और फिर वह अपनी आदत में सुधार लाने की कोशिश करें। इसलिए जब कभी ऐसी सिचुएशन आए तो आपका केयरिंग बिहैवियर पार्टनर के इमोशनल व्यवहार को बदल सकता है।
स्थिति का धैर्यपूर्वक सामना करेंआप के पति भावुक हैं, तो उन के साथ अपने संबंधों को पटरी पर लाने के लिए आप को उत्तेजना नहीं धैर्य की जरूरत है। भले ही उन की बातों से आप को गुस्सा आता हो। उन्हें पलट कर जवाब देने की बजाय उन की बातों को ध्यानपूर्वक सुन कर उन्हें सांत्वना दें।भावुक पति को मानसिक तौर पर संतुष्ट और सुरक्षित रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप उन्हें इस बात का एहसास दिलाएं कि आप उन्हें बहुत प्यार करती हैं। उन की पसंदनापसंद आप के लिए बहुत माने रखती है। इस के लिए आप उन्हें समय समय पर उपहार दें या फिर उन की पसंद का काम कर के उन्हें इस बात का एहसास दिला सकती हैं कि आप को उन की परवाह है और आप उन की भावनाओं का खयाल रखती हैं।