यूँ तो सास और बहु का रिश्ता नोंक-झोंक वाला रिश्ता माना जाता है। लेकिन यदि इस रिश्ते को थोड़े प्यार और समझदारी से जिया जाए तो यही रिश्ता आपकी जिंदगी को खुशनुमा बना देगा। हर सास की आस होती है कि उसके ऐसी बहु आये जो उसके बेटे के साथ- साथ पूरे घर का भी अच्छे से ध्यान रखे। रिश्तो को बांधें रखे। सास की आशाओं पर आप कैसे खरी उतर सकती हैं, आईये जानते है।
सदभाव का व्यवहार रखेंबेटा, जो शुरू से ही मां के इतना करीब था कि उस का हर काम मां खुद करती थीं, वही शादी के बाद किसी और का होने लगता है। ऐसे में न चाहते हुए भी मां के दिल में असुरक्षा की भावना आ जाती है। आप अपनी सास की इस स्थिति को समझते हुए शुरू से ही उन से सदभाव का व्यवहार करेंगी तो यकीनन रिश्ते की बुनियाद मजबूत बनेगी।और अपनी सास की इस स्थिति को समझते हुए शुरू से ही उन से सदभाव का व्यवहार करेंगी तो यकीनन रिश्ते की बुनियाद मजबूत बनेगी।
पति से शिकायत न करेंपर्सनैलिटी, पेरैंटिंग, स्टाइल या घर की सफाई जैसे मुद्दों पर सास द्वारा आप की आलोचना किए जाने पर शिकायत ले कर पति के पास न पहुंचे, बल्कि शांति के साथ सास के समक्ष अपना पक्ष रखें और बताएं कि ऐसा क्यों है।
सेहत का रखें ध्यानसास की तबीयत का खयाल रखें। उन की उम्र अधिक है। ऐसे में कमजोरी, डिप्रैशन और दूसरी तकलीफों को नजरअंदाज न करें। जरूरी हो तो जिद कर के डाक्टर के पास ले जाएं।
धैर्य रखें
बहू दूसरे घर से आती है। अचानक सास उसे बेटी की तरह प्यार करने लगे, यह सोचना गलत है। प्यार तो धीरेधीरे बढ़ता है। यदि आप धैर्य रखते हुए अपनी तरफ से सास को मां का प्यार और सम्मान देती रहेंगी, तो समय के साथ सास के मन में भी आप के लिए प्यार गहरा होता जाएगा।
सम्मान दें यदि आप के मन में सास के लिए आदर भाव पैदा नहीं होता, क्योंकि वे कम पढ़ीलिखी हैं, देहाती हैं या चिड़चिड़ी अथवा बीमार हैं, तो भी कोशिश कर के उन्हें मान देना सीखें। वे कैसी भी हों, उम्र में आप से बड़ी हैं और सब से बढ़ कर, वे आप के पति की मां हैं, इसलिए आदर की पात्र हैं।