वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि खराब जीवनशैली का असर बच्चों में भी बहुत होने लगा हैं और उनमें चिडचिडापन साफतौर पर देखा जा सकता हैं। जी हाँ, आजकल बच्चे अपने मन मुताबिक बात ना होने पर चिडचिडे और गुस्सैल रहने लगे हैं। बच्चों का मूड अचानक बदलने लगा हैं जिसे मूड स्विंग भी कहा जाता हैं। यह बच्चों के पेरेंट्स के लिए एक बड़ी समस्या बनती हैं और ऐसे में पेरेंट्स को ही बच्चों का साथ देने की जरूरत होती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे है जिनकी मदद से आप पेरेंट्स को बच्चों के मूड स्विंग की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी। तो आइये जानते है इसके बारे में।
अपनी सीमाएं तय करें
आपको अपने बच्चे का कैसा व्यवहार स्वीकार और अस्वीकार है इस बारे में आप स्पष्ट रहें। ये आपके लिए एक दायरा तैयार करने में मदद करेगा। आपका बच्चा आपकी सीमा की परीक्षा लेगा। वो जानना चाहेगा कि वो कहा तक अपने इस व्यवहार को ले जा सकता है और ये आपके ऊपर है कि आप उसे कितनी छूट देते हैं। अगर वो हद से बाहर जाने लगे तो उन्हें सचेत करें।
आप शांत रहें और आलोचना ना करें
आप उनकी निंदा करने और उन्हें जज करने से बचें। संभावना है कि आपका बच्चा ओवररिएक्ट कर रहा हो। लेकिन आपको अपना धैर्य बनाये रखना है और स्थिति को नियंत्रित करना है। उसकी इमोशनल स्थिति में आप खुद ना बह जाएं। अगर आप उसका मजाक उड़ाएंगे और ताना मारेंगे तो उन्हें लगेगा कि पूरी दुनिया ही उनके खिलाफ है। अगर आप अपना धैर्य ऐसे समय में खो देंगे तो स्थिति इससे भी ज्यादा खराब हो जाएगी।
उन्हें सहानुभूति दें और उन्हें समझें
आप खुद को उनकी जगह पर रखकर देखें। आजकल के बच्चों को कई चीजों से निपटना पड़ता है। पढ़ाई को लेकर दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। उन्हें रोजाना स्कूल, एक्स्ट्रा एक्टिविटी और फिर होमवर्क पूरा करना होता है। ऐसे समय में वो खुद को अकेला और खोया हुआ सा महसूस करते हैं।
उन्हें बताएं आप उनके सपोर्ट के लिए हमेशा मौजूद हैं
अगर वो चिल्ला कर बात कर रहे हैं तो उसपर प्रतिक्रिया देने के बजाय उनके इस बर्ताव के पीछे छिपे कारण का पता लगाएं। ये जानने की कोशिश करें कि आखिर क्यों उनके व्यवहार में ये परिवर्तन आया है। उसके मूड स्विंग पर गुस्सा ना हों बल्कि उन्हें अपना सपोर्ट दिखाएं। उनसे बात करने की कोशिश करें और पता लगाएं कि आखिर उन्हें कौनसी बात परेशान कर रही है। अगर वो आपसे बात करने से इंकार कर दें तो उन्हें अकेला छोड़ दें लेकिन उन्हें ये बात महसूस हो जाएगी कि आप उनके साथ है। जब वो शांत हो जाएं तब खाना खाते या फिर टीवी देखते समय दोबारा इस बारे में पूछ सकते हैं।
अपने बच्चों के साथ खेलें
अगर आपका बच्चा खराब मूड में है तो उनके साथ खेल खेलने की कोशिश करें। ये उनके मूड को बेहतर करेगा और उन्हें रिलैक्स होने का मौका मिलेगा। शारीरिक कसरत से एंडोर्फिन रिलीज होता है और इससे भी मूड स्विंग में राहत मिलती है