पीने का पानी साफ न हो तो कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आजकल टैप वॉटर से पीने लायक पानी नहीं मिल रहा तो जरूरत से ज्यादा फिल्टर और प्यूरिफायर का इस्तेमाल शरीर की इम्युनिटी कमजोर कर रहा है।जल प्रदूषण भारत में एक गंभीर समस्या है, जिसके चलते अधिकतर उपभोक्ता साफ पीने के पानी की तलाश में हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए मार्केट में कई वैरायटी के वाॅटर प्यूरीफायर की जैसे बाढ़ सी आ गई है, जो स्वच्छ और स्वस्थ पानी उपलब्ध करवाने का दावा करते हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी हो गया है कि इस भीड़ में हम सही वॉटर फ्यूरीफायर का चयन करें, जो सुनिश्चित करे कि जो पानी हम पी रहे हैं।अगर आप बहुत जल्द अपने घर में शुद्ध पानी के लिए नया पानी का शुद्धिकरण यंत्र ख़रीदने की सोच रहे हैं, पर नहीं जानते चुनाव से पहले किन बातों को ज़रूरी है जानना? तो पहले इन सुझावों पर नज़र डालें।
वॉटर क्वालिटी लोगों का यह भ्रम है कि एक टेक्नोलॉजी पानी से सम्बन्धित सभी समस्याओं को ख़त्म कर देगी, जबकि फैक्ट यह है क़ि पूरे भारत में पानी की 17 अलग-अलग स्थितियां हैं और ऐसी कोई भी एक टेक्नोलॉजी नहीं है, जो इन सारी समस्याओं को हल करे। इसके लिए आपको पहले अपने क्षेत्र की पानी की क्वालिटी को समझना होगा, इसके बाद वॉटर प्यूरीफायर का चयन करना होगा।
बाजार में उपलब्ध ब्रांडो की जानकारी लें अगर आप वाटर प्यूरीफायर खरीदने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले मार्किट में मौजूद ब्रांडों में से कुछ ब्रांड्स को चुन लें और फिर उनकी क्वॉलिटीस को एक दूसरे से कम्पेयर करें और उसी के हिसाब से एक बेहतर वाटर प्यूरीफायर का चयन करे।
कंटैमिनेशन आमतौर पर लेक, रिवर, हार्वेस्ट रेन वाॅटर से घरों में आने वाले पानी में टीडीएस कम होता है, जबकि बोरवेल या टैंकर से आने वाले में टीडीएस की मात्रा भी ज्यादा होती है और इसमें केमिकल भी अधिक मात्रा में होते हैं। तो आपको ऐसा प्यूरीफायर इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें आधुनिक दूषित पदार्थों को खत्म करने की क्षमता हो।
बजट के हिसाब से करें चयन अगर आपके पास ज्यादा बजट है तो ज्यादा कीमत वाला वाटर प्यूरीफायर भी खरीद सकते हैं और अगर आपके पास ज्यादा बजट नहीं है तो आप कम बजट वाला वाटर प्यूरीफायर भी ख़रीद सकते हैं, पर उसकी क्वालिटी के बारे में बारे जानकारी जरूर ले लें