पूरी दुनिया में फैल चुका कोरोनावायरस 70 लाख लोगों को अपने संक्रमण का शिकार बना चुका हैं। हांलाकि 35 लाख मरीज ठीक भी हो चुके हैं और 4 लाख लोगों की मौत हो चुकी हैं। मौत का खतरा उन्हीं लोगों को ज्यादा बताया जा रहा हैं जो पहले से किन्हीं गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो। ऐसे में संक्रमण के बाद मौत की संभावना उसकी इम्यूनिटी, खानपान और इलाज पर निर्भर करती है। लेकिन शोधकर्ताओं के मुताबिक आपके ब्लड टेस्ट से संक्रमण के बाद मौत की कितनी आशंका है उसका जायजा लिया जा सकता हैं।
लंदन के फ्रेंसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने ऐसा तरीका ढूंढा है, जिसमें ब्लड टेस्ट के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि किन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का खतरा ज्यादा है। सेल सिस्टम जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने ब्लड में मौजूद ऐसे 27 प्रोटीन की पहचान की है, जिसका स्तर जानकर बताया जा सकेगा कि कोरोना मरीज की स्थिति सुधरेगी या और बिगड़ सकती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि मरीजों में कोरोना का असर पता करने के लिए स्पेक्ट्रोमीटर की मदद ली जा सकती है। इसमें बेहद कम खर्च में ऐसा किया जा सकता है और सुविधाजनक बात ये है कि ऐसे उपकरण अस्पतालों में आसानी से उपलब्ध होते हैं। रिपोर्ट के जरिए शरीर में ब्लड प्रोटीन के पैटर्न को समझा जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने बर्लिन के एक चैरिटी अस्पताल में कोरोना के 48 मरीजों पर यह प्रयोग किया। परिणाम के रूप में सामने आया कि शरीर में अंदरूनी सूजन से इंटरल्यूकिन आईएल-6 प्रोटीन का कनेक्शन है। गंभीर संक्रमण वाले कोरोना के मरीजों में यह प्रोटीन अधिक होने पर सूजन होती है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, आईएल-6 प्रोटीन बायोमार्कर डॉक्टरों को यह बताने में मदद करेगा कि मरीज अगर कोरोना संक्रमित हुआ तो कितना बीमार होगा अगर कोरोना का संक्रमण हुआ। इसके अलावा प्रोटीन के पैटर्न को देखकर पता लगाया जा सकता है कि कोरोना के मरीज को किस हद तक इलाज की जरूरत है।