स्ट्रोक के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 29 अक्टूबर को 'वर्ल्ड स्ट्रोक डे' मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति स्ट्रोक का शिकार होता है। स्ट्रोक, जिसे कभी-कभी मस्तिष्क का दौरा भी कहा जाता है, तब होता है जब मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति ब्लॉक हो जाती है या जब मस्तिष्क में एक रक्त वाहिका फट जाती है। इससे मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और फिर कुछ मिनटों के भीतर, मस्तिष्क की कोशिकाएं मरना शुरू हो जाती हैं। इन दोनों मामलों में मस्तिष्क के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या मर जाते हैं। स्ट्रोक से स्थायी मस्तिष्क क्षति, दीर्घकालिक विकलांगता, या यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। अमेरिका में स्ट्रोक मौत का पांचवां सबसे बड़ा कारण है।
स्ट्रोक भारत में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। जनसंख्या आधारित अध्ययनों के आधार पर शहरी इलाकों में स्ट्रोक का अनुमानित समायोजित प्रसार दर 84-262 / 100,000 है व ग्रामीण इलाकों में 334-424 / 100,000 है। अक्टूबर 29 को विश्व स्ट्रोक दिवस (World Stroke Day) मनाया जाता है।
स्ट्रोक किसी भी इंसान को हो सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो ये दिमाग की कोशिकाओं के बीच सही ब्लड सर्कुलेशन न होने की वजह से होता है। जब इन कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलना बंद हो जाता है तब इंसान इसकी चपेट में आता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर इंसान किसी तरह से अपने ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित कर ले तो इस भयंकर बीमारी से बचा जा सकता है। इसके लिए उन्हें अपनी डेली डाइट (Healthy diet) में कुछ चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए।
हाई फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट हमारे दिल के सेहत के लिए अच्छे नहीं होते हैं। लेकिन आप बिना फैट वाला प्लेन यॉगर्ट खा सकते हैं। इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा न सिर्फ आपके हृदय के लिए अच्छी है, बल्कि ये आपके ब्लड सर्कुलेशन को भी कंट्रोल रखता है।
हाई ब्लड प्रेशर के कारण पैदा होने वाली स्ट्रोक की समस्या से निजात पाने के लिए शकरकंद (स्वीट पोटैटो) भी बेहद कारगर है। इसमें विटामिन सी, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन और फास्फोरस के साथ-साथ बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं और हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों और बीमारियों से बचाते हैं। आम आलू की तुलना में मीठे आलू में अधिक फाइबर होता है। साथ ही इनमें मैग्नीशियम पाया जाता है। इन कारणों से ये पाचन के लिए काफी उत्कृष्ट खाद्य पदार्थ है। मीठे आलू में स्टार्च पाया जाता है जो इन्हें पचने में मदद करती है। मीठे आलू पेट और आंतों के लिए सुखदायक होते हैं। इसलिए इन्हें पचाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है और ये आपके पाचन को भी अच्छा रखते है।
ब्रसल्स स्प्राउटबंदगोभी की तरह दिखने वाला ब्रसल्स स्प्राउट आकार में उससे छोटा होता है। यह विटामिन सी, विटामिन बीएक्सएनयूएमएक्स और विटामिन ए में समृद्ध है, और यह फाइबर, विटामिन के, मैंगनीज, तांबा, पोटेशियम और अन्य आवश्यक विटामिन और पोषक तत्वों से भी समृद्ध है। ब्रसेल्स स्प्राउट्स को रोस्ट, रोस्टिंग और स्टीम करके तैयार किया जा सकता है। एक कप ब्रसल्स स्प्राउट में 350 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। ब्रसेल्स स्प्राउट्स की सबसे प्रभावशाली विशेषताओं में से एक इसकी उच्च विटामिन सी सामग्री है। एक एकल ब्रसेल्स स्प्राउट में आपके अनुशंसित दैनिक विटामिन सी राशि के 120% से अधिक होता है। चूंकि विटामिन सी सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करता है और शरीर में एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है, यह आपके प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है ताकि ऑक्सीडेटिव तनाव और पुरानी बीमारी की संभावना कम हो सके। रसेल्स स्प्राउट्स के रूप में बहुत अधिक Vitamin K होता है।
मछली मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर में अच्छे HDL कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ाता है और खराब LDL को घटाता है। सालमन, सरडाइन्स और मैकेरल तीन प्रकार की मछलियों में ओमेगा-3 की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती है। ओमेगा-3 के सेवन से अवसाद की स्थिति में भी फायदा मिलता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अक्सर अवसाद से घिर जाती हैं, ऐसे में डॉक्टर उन्हें ओमेगा-3 की कैप्सूल लेने की सलाह देते हैं लेकिन मछली का सेवन करते रहने से कैप्सूल लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। अगर आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है तो आपको अभी दूसरे मांसाहार छोड़कर मछली खाना शुरू कर देना चाहिए। मछली में लो फैट होता है जिसकी वजह से हाई-ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने नहीं पाती है।
दलिया फाइबर से भरपूर दलिया भी शरीर में LDL कॉलेस्ट्रोल को घटाने में मदद करता है। शरीर के लिए यह बेहद फायदेमंद चीज है। कुछ लोग तो अपनी मॉर्निंग डाइट में दलिये को कभी शामिल करना नहीं भूलते हैं। आप इसे सूप या पुलाव की तरह पकाकर खा सकते हैं। दलिया खाने का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर कार्य करता है और फाइबर से भरपूर होने के कारण पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित हो सकता है। दलिया एक पौष्टिक भोजन है जो हमारे शरीर को पोषित करने में मददगार हो सकता है। अगर आप भारी भरकम या अधिक भोजन करने से बचते हैं, तो दलिया आपके लिए पोषक तत्वों के खजाने की तरह काम कर सकता है।
अखरोट और बादाम जैसी मेवा भी ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 Fatty Acid) से भरपूर होती हैं। ध्यान रखें कि मेवा में काफी ज्यादा कैलोरी होती है। इसलिए नमक या चीनी की परत चढ़े अखरोट-बादाम खाने से बचें। इसे खाने से आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है।
एवोकाडोमोनो अनसैचुरेटेड फैट से भरपूर एवोकाडो धमनियों के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में कॉलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करते हैं। ये स्ट्रोक के अलावा कैंसर, आर्थराइटिस और आंखों की कमजोरी में भी फायदेमंद है। एवोकाडो में उच्च फैटी एसिड (Fatty Acids) के साथ विटामिन ए, बी, ई, फाइबर, मिनरल्स और प्रोटीन भरपूर में मात्रा में पाया जाता है। यह गहरे हरे रंग का होता है। एवोकाडो में शुगर (Sugar) की मात्रा बहुत कम होती है। साथ ही यह ऊर्जा का बेहतरीन स्त्रोत भी होता है। एवोकाडो वजन घटाने (Weight Loss), ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को नॉर्मल करने के लिए, दिल के स्वास्थ्य (Heart Health), ब्रेनपावर, कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol), बालों, त्वचा (Skin) के साथ कई रोगों में फायदेमंद हो सकता है।