दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 2 करोड़ 18 लाख 24 हजार 14 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 45 लाख 58 हजार 310 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 7 लाख 73 हजार 28 की मौत हो चुकी है। दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लोगों से दांतों की रूटीन जांच न कराने की अपील की है।
WHO के मुताबिक, महामारी में दौर में दांत की जांच कराने से संक्रमण का खतरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खासतौर पर डेंटल क्लीनिक्स के लिए गाइडलाइन जारी की है। जानिए, ओरल प्रॉब्लम्स होने पर आपको किन बातों का ध्यान रखना है...
सवाल-जवाब से समझें गाइडलाइन की बड़ी बातेंरूटीन चेकअप और ट्रीटमेंट कब कराएं?WHO के मुताबिक, कोरोना महामारी के समय आप दांतों का रूटीन चेकअप कराने से बचे, जब तक कोरोना संक्रमण कम नहीं हो जाता तब तक डेंटल चेकअप और ओरल ट्रीटमेंट कराने से बचने की जरूरत है।
इमरजेंसी हो तो क्या करें?महामारी के दौरान खुद अपनी देखभाल करें। बहुत ज्यादा इमरजेंसी है तो फोन या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। टेलीकम्युनिकेशन से से भी काफी हद तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन के मामलों को रोका जा सकेगा। अगर मुंह में संक्रमण हुआ है, सूजन है, दवाओं से भी दर्द कंट्रोल नहीं हो रहा या लम्बे समय से ब्लीडिंग हो रही है तो ही इलाज किया जाना चाहिए। वरना सामान्य ओरल ट्रीटमेंट के लिए अपॉइंटमेंट कैंसिल करने की जरूरत है। WHO ने ओरल हेल्थ एक्सपर्ट से आग्रह किया है कि पहले मरीज को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही देखें, अगर इमरजेंसी की स्थिति बनती है तभी क्लीनिक बुलाएं। इस दौरान एक्सपर्ट का पीपीई किट पहनना जरूरी है।
डेंटल एक्सपर्ट्स से खतरा क्यों है?इस समय हेल्थ एक्सपर्ट संक्रमण के हाई रिस्क जोन में हैं। यह ऐसा क्षेत्र है जहां एक से दूसरे को संक्रमण फैल सकता है। इनमें डेंटल क्लीनिक, हॉस्पिटल्स, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कम हवादार बिल्डिंग वाले हाई रिस्क क्षेत्र में कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा है। WHO के मुताबिक, ओरल हेल्थ वर्कर लम्बे समय से कोरोना के मरीजों के सम्पर्क में हैं। ऐसे में ट्रीटमेंट या जांच कराने के दौरान वायरस लार के जरिए संक्रमित कर सकता है। इस तरह के हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से संक्रमित लोगों से कोरोना आप तक पहुंच सकता है।
डेंटल क्लीनिक में खतरा कैसे है?डेंटल क्लीनिक में तीन तरह से कोरोना फैल सकता है।
पहला, खांसने, छींकने के दौरान सीधे तौर पर पड़ने वाले ड्रॉप लेट्स से।
दूसरा, किसी की आंखों, नाक या मुंह की लार से।
तीसरा, संक्रमित सतह को छूने या इसके सम्पर्क में आने से। डेंटल क्लीनिक में विशेषज्ञ एयरोसोल जनरेटिंग प्रोसिजर अपनाते हैं, इस दौरान वायरस के कण आपको संक्रमित कर सकते हैं।