आज अर्थात 7 अप्रैल का दिन पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता हैं जिसकी शुरुआत साल 1950 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी। इसके पीछे का उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य और उससे जुड़ी समस्याओं पर विचार-विमर्श करना और जनसमूह में जागरूकता फैलाते हुए स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों और मिथकों को दूर करना हैं। इस साल स्वास्थ्य दिवस का थीम है नर्सों और मिडवाइव्स यानी दाइयों का योगदान। इस बार की थीम महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस बार डब्लूएचओ ने कोविड 19 यानी कोरोना महामारी के खिलाफ इस जंग में दुनियाभर के संक्रमित लोगों को स्वस्थ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली नर्सों और मिडवाइव्स के योगदान को सम्मान देने की कोशिश की है। इसी वजह से डब्लूएचओ ने #सपोर्टनर्सेजएंडमिडवाइव्स (#SupportNursesAndMidwives) थीम रखी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से ही विभिन्न देशों की सरकारों को स्वास्थ्य नीतियां बनाने और उसके क्रियान्वयन के लिए प्रेरित किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी स्थापना काल से अबतक स्मॉल चिकेन पॉक्स जैसी बीमारी को खत्म करने में बड़ी जिम्मेदारी निभाई है। भारत सरकार ने भी पोलियो जैसी महामारी को खत्म किया गया है। फिलहाल डब्ल्यूएचओ टीबी, एचआईवी, एड्स और इबोला जैसी जानलेवा बीमारियों की रोकथाम के लिए काम कर रहा है और वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण करने के लिए कई देशों की सरकारों के साथ मिलकर विश्व स्वास्थ्य संगठन काम कर रहा है।
दरअसल, डब्ल्यूएचओ विश्व स्वास्थ्य रिपोर्ट के लिए जिम्मेदार होता है, जिसमें विश्वभर के सभी देशों से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का एक सर्वे होता है। पिछले साल स्वास्थ्य दिवस की थीम थी यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज: एवरीवन, एवरीव्हेयर यानि की सभी वर्ग के लोगों को बिना किसी वित्तीय कठिनाई के बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले।