जैसे-जैसे समय बीतता जाता हैं बीमारी की गंभीरता बढ़ने लगती हैं। इसके बुरे परिणामों से बचने के लिए जरूरी हैं की बीमारी की समय रहते पहचान कर उचित उपाय किए जाए। इसी उद्देश्य से हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बीमारी के बारे में पता चल सकें। अल्जाइमर दिमागी बीमारी हैं जिसमें याद रखने की क्षमता कम हो जाती है। अब यह समस्या बुजुर्गों तक ही सिमित ना रहकर युवाओं में भी दिखाई दे रही हैं। इस बीमारी में दिमाग के खास हिस्से में एमलॉयड बीटा प्रोटीन के जमा होने से भ्रम पैदा होने लगते हैं। समय रहते बीमारी के बारे में जाना जाए तो नियमित जांच और इलाज से इस पर काबू पाया जा सकता है। आइये जानते हैं अल्जाइमर के लक्षण और इस पर काबू पाने के तरीके।
अल्जाइमर के लक्षण
-छोटी-छोटी चीजें भूल जाना
- सोचने-समझने में मुश्किल होना
- यूरिन ठीक से ना आना
- वजन घटना
- दौरे पड़ना
- त्वचा में इंफैक्शन
- कराहना, आहें भरना या घुरघुराना
- लोगों को पहचानने में मुश्किल
- बोलने में कठिनाई
इन गतिविधियों से पाएं बीमारी पर काबू
खान-पान से रखे याददाश्त मजबूत
याद्दाश्त तेज करने लिए आप रोजाना बादाम और ड्राई फ्रूट का सेवन करें। साथ ही पीपल के तने का पाउडर और हल्दी का सेवन करने से भी याद्दाशत तेज होती है। इसके अलावा डाइट में ब्रोकली, फूलगोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल लें।
इन चीजों से रहें दूर
अगर अल्जाइमर रोग हो तो तिल, सूखे टमाटर, कद्दू, मक्खन, चीज, फ्राइड फूड, जंकफूड, रेड मीट, पेस्ट्रीज और मीठे का सेवन न करें।
योग और व्यायाम
रोजाना व्यायाम और योग से भूलने की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। याददाश्त तेज करने के लिए सर्वांगासन, भुजंगासन और कपालभाति जैसे प्राणायाम करें। साथ ही रोजाना जॉगिंग, सुबह की सैर और व्यायाम भी करें।
खुद करें अपने काम
अगर बढ़ती उम्र में लोग अपना काम खुद करते हैं तो उन्हें अल्जाइमर रोग होने का खतरा कम होता है और याददाश्त भी तेज होती है।
थेरेपी भी है मददगार
अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए आप अरोमा थेरेपी का सहारा भी ले सकते है। इससे आप तनाव मुक्त होते है और अरोमा थेरेपी दिमाग तेज करने और भूली हुई यादों को वापस लाने में भी मदद करती है।