सेंटेड सेनेटरी पैड्स हो सकते है वेजाइनल हेल्थ के लिए खतरनाक, जानें नुकसान

किसी भी महिला के लिए वेजाइनल हेल्थ बहुत मायने रखती हैं क्योंकि इसको होने वाला नुकसान आपको गंभीर बिमारियों का शिकार बना सकता हैं। कभीकभार महिलाएं अनजाने में कुछ ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर बैठती हैं जो उनकी वेजाइना के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इन्हीं में से एक हैं सेंटेड सेनेटरी पैड्स जिन्हें महिलाएं पीरियड्स के वक्त दुर्गंध महसूस होने पर इस्तेमाल करती हैं। लेकिन ये सेंटेड सेनेटरी पैड्स आपकी वेजाइनल हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। आइये जानते हैं कैसे है ये नुकसानदायक।

प्राकृतिक प्रक्रिया को बाधित करता है

वेजाइनल एरिया इतना सेंसिटिव है कि किसी भी तरह की सुगंधित स्त्री उत्पादों का उपयोग करने से ये इसके अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच संतुलन बिगड़ सकता है। इन उत्पादों में मौजूद केमिकल्स आपके पीएच संतुलन को बेकार कर सकते हैं। गुड वेजाइन बैक्टीरिया संक्रमण और बीमारी पैदा करने वाले जीवों से बचने में मदद करते हैं। जैसे कि बैक्टीरियल वेजिनोसिस और फंग्ल इंफेक्शन आदि। खराब बैक्टीरिया या इनका ज्यादा हो जाना या जलन, खुजली, संक्रमण या एलर्जी की प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है।

पीएच स्तर में बदलाव

पीएच स्तर में बदलाव और सामान्य बैक्टीरिया का बैलेंस खराब होने से वेजाइनल इंफेक्शन खतरा और बढ़ जाता है। वहीं बाजार में पीएच को बैलेंस करने वाले सभी उत्पाद वेजाइनल हेल्थ के लिए हमेशा अच्छे नहीं होते हैं। वहीं ये सेंटेड सेनेटरी पैड्स का उपयोग आपके शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करता है। जब पीरिएड्स के दौरान वाला ब्लड सैनिटरी पैड के रासायनिक इत्र के साथ मिश्रित होता है, तो यह दुर्गंध पैदा कर सकता है। तो ये और बदतर हो सकता है। इसलिए आपको अपने पैड को हर चार से छह घंटे में बदलने की सलाह दी जाती है, भले ही आपकी पीरियड फ्लो कितनी हल्की या हल्की हो आपको पैड चेंज करना चाहिए इससे बदबू नहीं आएगी।

ब्लीडिंग को बदतर बना सकते हैं

सेनेटरी नैपकिन शोषक सामग्री का उपयोग करके बनाए जाते हैं जो नमी को अवरुद्ध करते हैं और गर्मी उत्पन्न करते हैं। लंबे समय तक सुगंधित सेनेटरी नैपकिन का उपयोग करने से बैक्टीरिया का विकास हो सकता है। वह आगे आपकी संवेदनशील और गंभीर हो सकते हैं। वेजाइना की त्वचा के सीधे संपर्क में आने वाले सुगंधित पैड की ऊपरी परत पर मौजूद रसायनों के लिए सही नहीं होती और ये फंग्ल इंफेक्शन में बदल जाता है। वहीं कभी-कभार यूटीआई भी इसी कारण होती है। जाहिर है, सेंटेड सैनिटरी नैपकिन में बहुत इस्तेमाल होता है, जो आपके द्वारा कल्पना किए जाने से अधिक गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। ये केमिकल्स अंग क्षति का कारण बन सकते हैं, तो वहीं हाइड्रोकार्बन भी कैंसरकारी हो सकते हैं।