रात को सोते समय बिस्तर पर सभी अपनी सुविधा के अनुसार स्थिति बनाते हैं ताकि अच्छी नींद आ सकें। कई लोगों को अपने तकिये की जरूरत पड़ती हैं तो कईयों को अपनी चादर की। लेकिन क्या आपने गौर किया है कि कई लोग चाहे गर्मी हो फिर भी चादर या कंबल ओढ़कर सोते हैं। उन लोगों को बिना चादर के नींद ही नहीं आती हैं। आखिर इसके पीछे वजह क्या हैं यह सोचने वाली बात हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
इस मनोविज्ञान के पीछे भी वजह है। जब व्यक्ति सोता है तो उसके शरीर का तापमान गिरता है और यह सुबह 4 बजे सबसे कम बिंदु पर पहुंच जाता है। यह प्रक्रिया सोने से एक घंटे पहले शुरू हो जाती है और शरीर तापमान को विनियमित करने की क्षमता खो देता है जब एक बार व्यक्ति रैपिड आई मूवमेंट (आरईएम) स्लीप साइकल पर पहुंच जाता है। रैपिड आई मूवमेंट का अर्थ व्यक्ति की बंद आंख के अंदर पुतलियों का तीव्र गति से इधर-उधर घूमना है। चादर या कंबल व्यक्ति को पूरी रात गर्म रहने में मदद करता है और कंपकंपी से बचाता है। दूसरी बात, बिस्तर पर जाते समय अपने आप को एक कंबल में ढकना सर्केडियन लय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सर्केडियन लय 24 घंटे का एक चक्र है जो कि जैव रासायनिक, शारीरिक और व्यवहारिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करके नींद के चक्र को प्रभावित करता है। यानी यह निर्धारित करने में मदद करता है कि शरीर कब सो जाने के लिए तैयार है और कब जागने के लिए तैयार है। इस आदत को जन्म से ही विकसित किया जाता है और बड़े होने पर भी यह वैसी ही बनी रहती है।
साल 2015 में जर्नल ऑफ स्लीप मेडिसीन एंड डिसऑर्डर में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि एक भारी कंबल के नीचे सोने से रात में अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है। 2020 में अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी में प्रकाशित हुए अध्ययन में खुलासा हुआ कि भारी कंबल भी चिंता और अनिद्रा से पीड़ित लोगों की मदद कर सकता है।