WHO ने कहा कोरोना से जुड़ी ये 14 बातें पूरी तरह से झूठ, अफवाहों से बचे

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से पूरी दुनिया में 4973 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में पिछले 24 घंटे में कोरोना से 321 लोगों की मौत हुई है। चीन के बाद इटली और ईरान में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस आज दुनिया के 127 देशों में फैल चुका है। इस वायरस की वजह से विश्व में कुल 1,34,679 लोग कोरोना से संक्रमित हैं, जबकि कुल 69,142 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दी जा चुकी है। इस वायरस से बचने के लिए पूरी दुनिया में तरह-तरह की अफवाहें फैल रही है। जैसे- गर्म पानी से नहाने से कोरोना से बचेंगे, ठंडी और बर्फ में कोरोना वायरस नहीं मरता, अल्कोहल या क्लोरीन छि़ड़कने से मरेगा कोरोना आदि। ऐसे में लगातार बढ़ रही इन मिथकों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने पूरी दुनिया की भलाई के लिए कुछ निर्देश जारी किए गए है।

मिथक 1 - ठंडी और बर्फ में कोरोना वायरस नहीं मरता

सच्चाईः ये कोरी कल्पना मात्र है। इसकी कोई वजह नहीं हैं कि हम ये माने कि ठंडी और बर्फ में कोरोना वायरस (Coronavirus) नहीं मरता। या कोई और बीमारी। वायरस किसी भी तापमान में मारा जा सकता है अगर उसे उसके अनुकूल वातावरण न मिले। सामान्य तौर पर इंसानी शरीर का तापमान 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस पर रहता है। यह तापमान बाहरी वातावरण से ज्यादा प्रभावित नहीं होता।

मिथक 2- गर्म पानी में नहाने से कोरोना नहीं फैलता

सच्चाईः ये पूरी तरह से झूठ है। कोविड-19 (Covid-19) यानी कोरोना वायरस (Coronavirus) गर्म पानी (Hot Water) में भी सर्वाइव कर सकता है। आपके शरीर का तापमान 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस ही रहता है, जब आप नहाते हैं। अगर ज्यादा गर्म पानी से नहाएंगे तो आपके जलने का खतरा रहता है। इसलिए यह भूल जाइए कि गर्म पानी में नहाने से कोरोना नहीं फैलता।

मिथक 3- कोरोना गर्म-उमस भरे वातावरण में फैलता है

सच्चाईः ये कल्पना है। कोरोना वायरस (Coronavirus) किसी भी वातावरण में फैल सकता है। इसके लिए जरूरी नहीं कि गर्म और उमस भरा वातावरण हो। डब्लूएचओ ने कहा है कि आप वातावरण का ध्यान न दें। आप पूरी तरह से सुरक्षित रहें और हाइजीन मेंटेन करें। हाथों की सफाई करते रहें। यह वायरस किसी भी वातावरण में आपको संक्रमित कर सकता है।

मिथक 4 - कोरोना के लिए दवाइयां मौजूद हैं

सच्चाईः डब्लूएचओ (WHO) के मुताबिक अभी तक कोरोना वायरस (Coronavirus) की दवाइयां मौजूद नहीं है। वैज्ञानिक अभी इस वायरस को मारने या उससे बचाने के लिए वैक्सीन तैयार करने में लगे हैं। हालांकि, इलाज के कुछ तरीके भी अंडरट्रायल हैं।

मिथक 5- एंटीबॉयोटिक्स से कोरोना वायरस ठीक होगा

सच्चाईः एकदम नहीं। डब्लूएचओ (WHO) ने कहा है कि कोरोना वायरस को ठीक करने के लिए एंटीबॉयोटिक्स काम नहीं करते। ये दवाइयां सिर्फ बैक्टीरिया (Bacteria) को मारती हैं वायरस को नहीं। एंटीबॉयोटिक्स का उपयोग कोरोना के लिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह नया वायरस है। अगर कोई अस्पताल में भर्ती है तो उसे ये दवाइयां दी जा सकती हैं ताकि बैक्टीरियल इंफेक्शन न हो।

मिथक 6- मच्छरों से नहीं फैलता कोरोना वायरस

सच्चाईः अभी तक ऐसी कोई सूचना या जानकारी डब्लूएचओ (WHO) को नहीं मिली है कि मच्छरों से कोरोना वायरस नहीं फैलता। कोरोना वायरस (Coronavirus) एक रेस्पिरेटरी वायरस है। जो हवा में तैरते पानी के बूंदों से फैलते हैं। चाहे वह छींक हो या खांसी। जब कोई छींकता या खांसता है तो उसके मुंह या नाक से निकलने वाली थूक की बूंदों से कोरोना वायरस फैलता है। इसलिए अपने हाथ साफ रखें और मास्क लगाएं।

मिथक 7- हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस मर जाता है

सच्चाईः नहीं। डब्लूएचओ ने स्पष्ट कहा है कि हैंड ड्रायर्स से कोरोना वायरस (Coronavirus) नहीं मरता। हैंड ड्रायर्स इस काम के लिए बने ही नहीं हैं। हैंड ड्रायर्स से सिर्फ आपको गीले हाथ सूखते हैं। उसपर मौजूद बैक्टीरिया या वायरस अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर के धुलने से ही जाएंगे। या फिर साबुन से हाथ को अच्छी तरह से साफ करें।

मिथक 8- कोरोना पकड़ने में थर्मल स्कैनर कितने कारगर

सच्चाईः डब्लूएचओ (WHO) ने कहा है कि थर्मल गन या थर्मल स्कैनर बेहद कारगर हैं। यह इंसानी शरीर के बढ़े हुए तापमान को बिना छुए बताते हैं। अगर थर्मल स्कैनर ने बताया कि आपके शरीर का तापमान ज्यादा है इसका मतलब ये हैं कि आप कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। इससे यह पता नहीं चलता कि आपको कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण हैं या नहीं। कोरोना वायरस की जांच होने के बाद ही पता चलेगा कि आप संक्रमित हैं या नहीं।

मिथक 9- अल्ट्रावॉयलेट लैंप से मर जाएगा कोरोना

सच्चाईः कतई नहीं। अल्ट्रवॉयलेट लैंप का उपयोग शरीर के सामने नहीं किया जाना चाहिए। अल्ट्रवॉयलेट लैंप्स से आपकी स्किन यानी त्वचा पर अल्ट्रवॉयलेट रेडिएशन की वजह से इरिटेशन यानी जलन हो सकती है। इसलिए इस लैंप का उपयोग एकदम न करें। यह आपके लिए नई दिक्कत खड़ी कर देगा।

मिथक 10- अल्कोहल या क्लोरीन छि़ड़कने से मरेगा कोरोना

सच्चाईः एकदम नहीं। अल्कोहल या क्लोरीन छिड़कने से शरीर पर मौजूद कोरोना वायरस खत्म नहीं होगा। क्योंकि यह दोनों चीजें शरीर के ऊपर सफाई करते हैं। कोरोना वायरस (Coronavirus) शरीर के अंदर जाने के बाद सिर्फ दवाइयों से ही ठीक हो सकता है। इसका इलाज अल्कोहल या क्लोरीन नहीं होता। यह सिर्फ बचाव का तरीका है लेकिन शरीर की बाहरी त्वचा के लिए।

मिथक 11- निमोनिया की वैक्सीन बचा लेगी कोरोना से

सच्चाईः नहीं। निमोनिया की वैक्सीन जैसे- न्यूमोकोकल वैक्सीन और हीमोफिलस इनफ्लुएंजा टाइप बी (Hib) वैक्सीन से कोरोना वायरस का इलाज नहीं हो सकता। इससे कोरोना से बचाव नहीं होगा। कोरोना वायरस (Coronavirus) पूरी तरह से अलग है। यह नया है और अभी तक इसकी दवा खोजी नहीं गई है। वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन विकसित करने में लगे हैं।

मिथक 12- सैलाइन से नाक साफ करें तो बचेंगे कोरोना से

सच्चाईः जी नहीं। डब्लूएचओ (WHO) ने कहा है कि अभी तक ऐसे सबूत नहीं मिले हैं जिससे ये पता चले की सैलाइन से नाक साफ करने पर आपको कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से निजात या बचाव मिलेगा। यह एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलता है। वह भी छींक या खांसी आने से मुंह और नाक से निकलने वाली थूक या म्यूकस की बूंदों से।

मिथक 13 - लहसुन खाने से कोरोना संक्रमण नहीं होगा

सच्चाईः डब्लूएचओ (WHO) ने कहा है कि लहसुन बेहद सेहतमंद खाद्य पदार्थ है। इसमें कई एंटी माइक्रोबियल तत्व होते हैं लेकिन अभी तक ऐसे प्रमाण नहीं मिले हैं, जिससे यह पता चले कि लहसुन खाने से लोग कोरोना वायरस से बच सकते हैं।

मिथक 12 - बुजुर्ग ज्यादा खतरे में हैं या युवा

सच्चाईः कोरोना वायरस (Coronavirus) से सभी उम्र के लोग संक्रमित हो सकते हैं। सभी उम्र के लोग इस वायरस के हमले से परेशान हो सकते हैं। बुजुर्गों के साथ अन्य समस्याएं जैसे- अस्थमा, डायबिटीज, दिल की बीमारियां कोरोना वायरस के संक्रमण को और ताकतवर बना देती है। इससे उन्हें खतरा ज्यादा होता है। जबकि, युवाओं के साथ ऐसा नहीं है।

आपको बता दे, इटली में कोराना वायरस (Coronavirus) का खौफनाक कहर देखने को मिल रहा है। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद इस देश में ये बीमारी काबू में नहीं आ रही है। इटली में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 1000 को पार कर गई है। बुधवार और गुरुवार को इटली में कोरोनावायरस से 189 मौतें हुई है। इटली में मात्र दो हफ्ते के भीतर कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 1016 हो गई है। इटली में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या 2313 से बढ़कर 2651 हो गई है। चीन, ईरान और इटली में महामारी बने कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी महामारी घोषित कर दिया है। भारत में कोरोना के 76 मामले सामने आ चुके है। भारत ने कोरोना वायरस के मद्देनजर विदेश से आने वाले लोगों का वीजा 15 अप्रैल तक के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। इस प्रतिबंध से राजनयिकों, अधिकारियों, सयुंक्त राष्ट्र संघ और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कर्मचारियों को छूट मिलेगी। यह प्रतिबंध 13 मार्च यानी आज से ही लागू हो गया है।