योग शरीर के आंतरिक और बाहरी अंगो को स्वस्थ रखने की क्रियाएँ हैं। जब तक हमारे शरीर के आंतरिक और बाहरी अंग स्वस्थ नहीं होते, तब तक हम कोई भी कार्य अच्छी तरह नहीं कर सकते। तन और मन का परस्पर गहरा संबंध है। किसी एक की उपेक्षा कर दूसरे की देखभाल नहीं की जा सकती। यही कारण है कि आज से हजारों वर्ष पूर्व यूनान के लोग के सिद्वांत था कि ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन’ बसता है।
यह अब वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हो चुका है की योगासन शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से लाभ पंहुचाता है नियमित रूप से तथा सही योग आसन करने से स्वस्थ तन और सुंदर मन मिलता है। पर योगासन को पूरी जानकारी लेने के बाद ही प्रयास करना चाहिए नहीं तो लाभ होने की बजाय नुकसान भी हो सकता है। आज सारे विश्व में लोग योगासन कर रहे है, क्योकि अगर रोग मुक्त होना है, तो हमें योग की शरण में जाना ही होगा। लेकिन अगर आप पहली बार योग करने जा रहे है तो यह शुरुआती दिनों में आपको बहुत सारी शंकाओ का सामना करना पड़ता है, इसी लिए हम इन शंकाओ को दूर करने के कुछ सुझाव दे रहे है जिनसे आपको निश्चित ही फायदा होगा।
— योगासन खुली एवं ताजी हवा में करना सबसे अच्छा माना गया है। फिर भी अगर ऐसा करना संभव न हो तो, किसी भी खाली जगह पर आसन किया जा सकता है।
— आप जंहा भी योगासन करें, यह पहले सुनिश्चित कर ले की वंहा का माहौल शांत होना चाहिए। सबसे पहले अपने मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर दे, अगर आप चाहे तो हल्का संगीत चलाकर भी योग कर सकते है, इससे आपको बाहरी शोर शराबे से तो मुक्ति मिलेगी ही साथ ही साथ ध्यान लगाने में मदद भी मिलेगी। इसके लिए आप यूट्यूब पर उपलब्ध योगा प्ले लिस्ट का इस्तमाल कर सकते है ।
— योग सीधे जमीन या फर्श पर बैठकर न करें। इसके लिए योगा मैट, दरी या कालीन जमीन पर बिछाकर योगासन करे।
— योग करते समय शरीर के संवेदनशील अंगो विशेष रूप से कमजोर अंगो जैसे घुटनों, कमर, रीढ़ की हड्डी और गर्दन आदि का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए अगर आपको किसी भी प्रकार की कठिनाई या दर्द महसूस हो तो घबराएँ नहीं धीरे-धीरे से आसन की उस अवस्था से अपने आप को बाहर निकल लेना चाहिए।
— याद रखे की किसी भी योगासन को झटके से न करें और न ही योग की मुद्रा से झटके से निकले, योग उतना ही करे, जितना आप आसानी से कर पाएं। धीरे-धोरे अभ्यास बढाने की कोशिश करने चाहिए।
— योगासन करने से पहले सही पोशाक का चुनाव भी बहुत महत्वपूर्ण होता है योगासन करते समय आरामदायक सूती के ढीले कपडे पहनना अच्छा रहता है। ज्यादा तंग कपडे न ही पहने तो अच्छा रहता है। टी-शर्ट या ट्रैक पैंट पहनकर भी योगासन कर सकते है।
— योगासन को दो प्रकार से किया जा सकता है धीरे या फिर तेजी से दोनों तरह से करने के अलग-अलग फायदे होते है। अगर आप तेज गति से योग करेंगे तो वह दिल के लिए अच्छा रहता है और अगर आप योग के स्टेप्स को धीरे-धीरे करेंगे तो वह मांस-पेशियों और जोड़ो के लिए बेहतर रहता है, साथ ही साथ इससे शरीर को भी काफी मजबूती मिलती है। जैसे तेजी से दौडऩे और टहलने का शरीर पर अलग-अलग तरह से असर पड़ता है।
— योगासन की प्रक्रिया समाप्त करने के तुरंत बाद न नहाए, कुछ समय बाद नहाए क्योकि किसी भी व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधि के बाद हमारा शरीर गर्म हो जाता है, और अगर आप एक दम से नहाएँगे तो सर्दी-जुकाम, बदन दर्द जैसी तकलीफ हो सकती है। इसलिए योग करने के एक घंटे बाद ही नहाएं।
— जब भी आप योगासन करने की तैयारी करे तो ज्वेलरी, गले की चैन, घडी, कड़े आदि निकाल दे क्योकि इनको पहन कर योग की मुद्रा में आपको समस्या हो सकती है यंहा तक के ये चीजे आपको चोट लगने का कारण भी बन सकती है। और हाँ अगर आपके बाल लम्बे है तो बालों को ठीक तरह से जरुर बांध लेना चाहिए।
— योगासन करते समय गंभीर तथा केन्द्रित होना चाहिए। हंसी मजाक का माहौल न बनाये इससे आपसे योग में कोई गलत स्टेप हो सकता है।
— योग में विधि, समय, निरंतरता और एकाग्रता और सावधानी बरतना जरूरी होता है।
— योग करते समय जल्द बाजी नहीं करनी चाहिए, हमेशा अपनी क्षमता को ध्यान में रख कर ही आगे बढऩा चाहिए।
— अगर कमर दर्द हो तो आगे न झुके पीछे झुककर कर सकते है।
— अगर हर्निया हो तो पीछे न झुके और अगर दिल को बीमारी हो या उच्च रक्तचाप हो तो तेजी के साथ योगासन कभी नहीं करना चाहिए। शरीर कमजोर है, तो फिर आराम से योगासन की क्रिया करे।
— 3 साल से कम उम्र के बच्चे योगासन न करें। 3 से 7 साल तक के बच्चे हल्के योगासन कर सकते है । 7 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे हर तरह के योगासन कर सकते हैं।
— पे्रगनैन्सी के दौरान मुश्किल आसन और कपाल भारती बिल्कुल भी न करें।
— अगर आप ध्यान लगा रहे है तो इसको आँखे बंद करके करें। ध्यान शरीर के उस हिस्से पर लगाएं, जंहा आसन का असर हो रहा है, जंहा दबाब पड़ रहा है अगर आप सही तरह से करेंगे तो निश्चित ही उसका अच्छा परिणाम आपके शरीर पर दिखाई पडेगा।
— योगासन नियमित रूप से अनुशषित होकर करना चाहिए फिर भी अगर किसी कारणवश अगर आपसे कोई अन्तराल आ जाता है तो आप ईमानदार हो और यथार्थवादी लक्ष्यों को निर्धारित करे, अपने आप से पूछे के आप कौन सा योगासन तथा कितनी देर तक कर सकते है, सिर्फ 10 मिनट का अल्प अभ्यास भी एक प्रकार से अभ्यास है और निश्चित रूप से यह मायने रखता है।
— योग में सांस लेने एवं छोडऩे की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है । इसका सीधा-सा मतलब यही होता है कि जब आप शरीर फैलाये या पीछे की तरफ जाएं, सांस ले और जब भी शरीर सिकुड़े या फिर आगे की तरफ झुके तो सांस छोड़ते हुए ही झुके।
— योगासन सुबह के समय करने से अधिक लाभ मिलता है फिर भी अगर किसी कारणवश आपके पास सुबह समय नहीं है तो शाम या रात को खाना खाने से आधा घंटा पहले भी कर सकते है। यह ध्यान रखें कि आपका पेट भरा न हो भोजन करने के 3-4 घंटे बाद और हल्का नाश्ता लेने के 1 घंटे बाद आप योगासन कर सकते है।
— यह जरुरी है के आप योग आसन करने के बाद थोडा सा आराम कर ले क्योकि आपके दिमाग और शरीर को थोडा समय चाहिए योग के फायदों आत्मसात करने के लिए नहीं तो आप सारा दिन थका हुआ महसूस करेंगे।
— जब आप योगासन करते हैं, तो फिर आपको खाने पर नियंत्रण करना भी जरूरी होता है अगर आप अत्यधिक कैलोरी और अत्यधिक वसा युक्त खाना या फिर तेज मिर्च-मसाले वाला खाना खाते रहेंगे तो फिर योग करने का कोई खास असर नहीं होने वाला है।
— योगासन का अच्छी तरह से असर होने में थोड़ा वक्त लगता है। एकदम से नतीजों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। कम से कम 6 माह का समय दें फिर देखे असर हुआ या नहीं ।
आप जब भी किसी रोग से छुटकारा पाने के लिए योगासन करें, तो विशेषज्ञ से पूछकर ही करें। रोग का असर तुरंत नहीं होता है। ऐसे में दवाएं भी तुरंत बंद न करें। जब बेहतर लगे तब उसके बाद डॉक्टर की सलाह से दवा बंद करें।