कोई भी गर्भवती महिला यही चाहत रखती है कि उसकी डिलीवरी नार्मल हो वह और उसका बच्चा स्वस्थ रहें। लेकिन आजकल की जीवनशैली के चलते नार्मल डिलीवरी हो पाना एक सपने के समान हो गया हैं और अधिकांश डिलीवरी ऑपरेशन से की जाने लगी हैं जो आगे चलकर महिलाओं के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ पैदा करती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि नार्मल डिलीवरी के लिए प्रयास किए जाए। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जो आपकी नार्मल डिलीवरी की चाहत को पूरा करने में आपकी मदद करेंगे। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।
* पौष्टिक खानपान सभी जरुरी पौषक तत्वों से भरपूर डाइट माँ के लिए नार्मल डिलीवरी के तरफ जाने में मदद कर सकती है। अगर माँ पूर्ण रूप से स्वस्थ होगी तो वो बच्चे को प्राकर्तिक तरीके से जन्म देने में सक्षम होती है। गर्भ में पल रहे बच्चे के सही विकास और माँ के हैल्थी रहने के लिए एक उचित सभी तत्व युक्त डाइट की जरुरत होती है जिसमे सब तरह के आहार शामिल हो।
* सही श्वास तकनीक का अभ्यास करें गर्भावस्था में श्वास से जुड़े व्यायाम भी बहुत लाभदायक होता हैं।प्रसव के समय साँस कप समय-समय पर रोकना पड़ता है इसलिए यह व्यायाम करना बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। बच्चे को विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन कि आवश्यकता होती है। इसलिए ध्यान (meditation) और सही श्वास तकनीक का अभ्यास और लम्बी साँस भरने के व्यायाम करना बहुत ही अच्छा होता है। यह व्यायाम सामान्य प्रसव के संभावना को और भी बढ़ा देते हैं।
* तनाव से दूर रहे नार्मल डिलीवरी के के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है माँ टेंशन या तनाव से दूर रहे। प्रेगनेंसी के समय माँ को हर तरह की चिंताओ से दूर रहना चहिये। दिमाग पर ज्यादा जोर गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। प्रेगनेंसी के बारे में किताबे पढ़े और ऐसे लोगो के साथ रहे जिनकी संगति में आप खुश रहते हो। अपने ऐसे दोस्तों से दूरी बनाए रखे जो आपके लिए परेशानी का सबब बनते है या आपके मन में नकारात्मक विचार डालते हो।
* नियमित रूप से व्यायाम करें गर्भावस्था के समय ज्यादातर महिलाएं आराम बहुत करती है। आराम करना बुरा तो नहीं है परन्तु ज्यादा आराम करना भी सही नहीं है। गर्भावस्था के दौरान छोटे मोटे व्यायाम करना और घर का छोटा मोटा काम करना शरीर के लिए लाभदायक होता है। छोटे मोटे व्यायाम से पेट के नीचले हिस्से के मांशपेशियों को मजबूती मिलती है। साथ ही जांघ की मांसपेशियों को ताकत मिलता है जिससे प्रसव पीड़ा (labor pain) कम होता है।
* पूरी नींद ले एक अच्छी नींद कई शारीरिक और मानसिक समस्याओ का समाधान होती है। प्रेगनेंट महिला को 8 से 10 घंटे की नींद रोजाना जरुर लेनी चाहिए। माँ की पूरे दिन की थकान से आराम पाने में नींद मदद करती है। माँ और बच्चे के सम्पूर्ण विकास में भी नींद अहम देती है।