पीरियड्स ना आने की वजह सिर्फ प्रेग्नेंसी ही नहीं, अन्य कारण भी हो सकते हैं प्रभावी

पीरियड्स जो कि महलों के जीवनचक्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और एक निश्चित समय अंतराल के बाद आता ही हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता हैं कि कई बात पीरियड्स मिस हो जाते हैं अर्थात वे अपने नियत समय पर नहीं आते हैं, ऐसे में सभी महिलाओं के मन में सबसे पहली बात आती हैं प्रेग्नेंसी। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि सिर्फ प्रेग्नेंसी की वजह से ही पीरियड्स मिस होते हैं, इसके कई अन्य प्रभावी कारण भी हो सकते हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

तनाव भी है बड़ी वजह

अगर आप किसी वजह से हद से ज्यादा स्ट्रेस का सामना कर रही हैं तो इससे आपके हॉर्मोन्स पर बुरा असर पड़ता है, जिसकी वजह से 2 पीरियड्स के बीच का गैप बढ़ सकता है। हमारे ब्रेन का हिस्सा हाइपोथैलमस, हमारे पीरियड्स को रेग्युलेट करने का काम करता है। स्ट्रेस की वजह से हाइपोथैलमस पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस कारण महिलाओं के शरीर का वजन भी तेजी से बढ़ने लगता है।

PCOD और PCOS भी हो सकती है वजह

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओडी) की दिक्कत के कारण भी पीरियड्स ना आने की समस्या होती है। इस समय अडिशनल फॉलिकल्स बन जाते हैं, जिस वजह से पीरियड्स का नॉर्मल प्रोसेस लंबा हो जाता है।

चेक कराएं डायबिटीज या थायरॉइड

पीरियड्स न आने या देर से आने की वजह डायबीटीज या थायरॉइड की बीमारी भी हो सकती है। थायरॉइड की वजह से आपका पीरियड्स बेहद हल्का या कम मात्रा में भी आता है। जबकि कई बार हद से ज्यादा या फिर अनियमित भी हो सकता है। यहां तक की इस बीमारी की वजह से कई महीनों तक आपका पीरियड्स बंद हो सकता है और इस सिचुएशन को अमेनोरिया कहते हैं।

क्या आपकी उम्र 50 के आस-पास है?

मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है जो हर महिला के जीवन में आती है। इस स्थिति में महिलाओं को पीरियड्स आने बंद होने लगते हैं। इस कारण उनके शरीर में बहुत तेजी से हॉर्मोनल चेंजेज होते हैं। आमतौर पर महिलाएं 45 की उम्र के बाद मेनॉपॉज के लक्षणों का सामना करने लगती हैं। जबकि कुछ महिलाओं में 45 साल से कम उम्र में पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। यह भी एक तरह की समस्या है, जिसके लिए आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। यह दिक्कत समय से पहले मेनॉपॉज होना या फिर प्रीमच्योर ओवेरियन फेलियर से संबंधित हो सकती है।