अस्थमा अटैक बन सकता है आपकी मौत का कारण, इन टिप्स की मदद से करें खुद की देखभाल

आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जिनको अस्थमा अर्थात दमे की बीमारी हैं। आज के समय में यह बीमारी पूरी दुनिया में व्यापक रूप से फ़ैल चुकी हैं। इस बीमारी में खासी, सांस लेने में दिक्कत जैसी कई समस्याएँ आती हैं। इस रोग के बढ़ने से अस्थमा अटैक भी हो सकता हैं जो कि गंभीर स्थिति में जानलेवा साबित हो सकता हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी देखभाल खुद करें और अस्थमा अटैक से बचकर रहें। इसके लिए आज हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं, जिन्हें जरूर ध्यान में रखें।

* इस बात का ख्याल रखें कि आप अपने बैडरूम की सफाई अच्छी तरह और नियमित रूप से करें। इससे कमरे में धूल मिट्टी नहीं रहेगी और आपकी प्रॉब्लम नहीं बढ़ेगी।

* अपने पालतू जानवरों को अपने साथ न सुलाएं। इसके अलावा अस्थमा पेशेंट को जानवरों से थोड़ी दूर रहना चाहिए। क्योंकि उनके शरीर के बालों में मौजूद धूल मिट्टी आपकी सांस नली को बंद कर सकती है।

* अपने सिर को ऊंचा रखकर ही सोएं। अगर आपको जुकाम या साइनस इंफैक्शन है तो पीठ के बल लेटने से अटैक की संभवाना बढ़ सकती है। इसलिए यह प्रॉब्लम होने पर हमेशा करवट लेकर सोएं।

* अस्थमा के मरीज को एक ब्ल्यू रिलीवर इन्हेलर दिया जाता है, जिसे उन्हें हमेशा अपने साथ रखना पड़ता है। जब भी आपको अस्थमा के लक्षण महसूस हो तो इन्हेलर का इस्तेमाल करें। इससे आप अस्थमा अटैक से बच सकते हैं। अपने डॉक्टर को यह बताना होगा कि आप रिलीवर का इस्तेमाल हफ्ते में कितनी बार करते हैं।

* अगर आप इसका जरूरत से ज्यादा प्रयोग करने पर आपको एक प्रीवैंटर इन्हेलर दिया जाएगा। इसमें स्टीरॉयड बैक्लोमेटाजोन मौजूद होता है, जो फेफड़ों में सूजन को कम करता है और अस्थमा अटैक को रोकता है।

* काम्बीनेशन इन्हेलर का अस्थमा पेशेंट को तब दिया जाता है, जब रिलीवर प्रीवैंट इन्हेलर से मरीज की अस्थमा कंट्रोल नहीं हो पाती। अस्थमा अटैक से बचने के लिए इस इन्हेलर को नियमित रूप से इस्तेमाल करना पड़ता है।

* अस्थमा पेशेंट ग्लाइसैमिक इंडैक्ट (जी।आई) वाली डाइट लेते हैं। इसके अलावा वह हफ्ते में 3 बार हाई इंटैसिटी एक्सरसाइज क्लासेज अटैंड करते हैं। इससे 8 हफ्तों में ही अस्थमा के लक्षण कम हो जाते है। कुछ पेशेंट को एक्सरसाइज करते समय सांस फूलने की प्रॉब्लम होती है लेकिन इसका मतबल यह नहीं आप शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा न लें। अस्थमा रोगी को हमेशा अच्छी डाइट के साथ एक्सरसाइज करनी भी जरूरी होती है।